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Ready reckoner rate: रेडी रेकनर दरों में नहीं हुआ कोई बदलाव, रियल एस्टेट उद्योग खुश

Ready reckoner rate: यह किसी विशेष क्षेत्र में संपत्तियों के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मूल्यांकन है। इसे सर्कल रेट या मार्गदर्शन मूल्य के नाम से भी जाना जाता है

Last Updated- April 01, 2024 | 8:29 PM IST
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Ready reckoner rate: महाराष्ट्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए रेडी रेकनर दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। राज्य सरकार के इस फैसले से घर खरीदने वालों और भवन निर्माताओं दोनों को राहत मिलेगी। हर साल एक अप्रैल से राज्य सरकार रेडी रेकनर की नई दरें लागू करती है। रेडी रेकनर किसी विशेष क्षेत्र में संपत्तियों के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मूल्यांकन है।

महाराष्ट्र राज्य ने भूमि रेडी रेकनर (आरआर) दरों को अपरिवर्तित रखा है। राज्य के राजस्व विभाग द्वारा 31 मार्च को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई थी जिसमें बताया गया था कि आरआर पिछले वर्ष के समान ही होगा। अंतिम संशोधन वित्तीय वर्ष 2018-19 में किया गया था, और इसलिए यह लगातार चौथा वर्ष है जब आरआर समान रहा है।

रेडी रेकनर की दरों के आधार पर ही घर खरीदते (रजिस्ट्री) वक्त स्टैंप ड्यूटी भरनी पड़ती है। मुंबई में स्टाम्प ड्यूटी 6 फीसदी और मुंबई महानगरी क्षेत्र (एमएमआर) में 7 फीसदी लगती है।

पंजीयन एवं स्टाम्प नियंत्रक हीरालाल सोनावणे के अनुसार रेडी रेकनर रेट या सर्कल रेट संपत्ति लेन-देन के लिए राज्य सरकार की ओर से तय की जाने वाली मानक दर है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक दर तालिका, मूल्यांकन मार्गदर्शन नोट और नई निर्माण दरें आगामी वित्तीय वर्ष के लिए राज्य भर में बनाए रखी जाएंगी।

राज्य सरकार ने पिछले साल भी रेडी रेकनर की दरों में कोई इजाफा नहीं किया था।  वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने रेडी रेकनर की दरों में पांच फीसदी की मामूली बढ़ोतरी लागू की थी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में पुनर्गणना दर में वृद्धि के बिना भी अपेक्षित राजस्व एकत्र किया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्टांप शुल्क संग्रह और पंजीकरण शुल्क के माध्यम से लगभग 36,000 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया है।

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रियल एस्टेट उद्योग के विशेषज्ञों ने इस कदम का स्वागत किया है। भवन निर्माताओं की संस्था नारेडको ने महाराष्ट्र सरकार का स्वागत करते हुए कहा कि यह उद्योग की मांग थी। आरआरआर दरें बढ़ने से घरों की लागत बढ़ जाती जिसका बोझ घर खरीदने वालों पर पड़ता। रेडी रेकनर दरों में बढ़ोत्तरी न करके सरकार ने घर खरीदारों को राहत दी है।

बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष आनंद गुप्ता ने कहा कि संपत्ति पंजीकरण में तेजी देखी जा रही है और गति को बनाए रखने के लिए, रेडी रेकनर दरों को समान रखने के राज्य के फैसले से संपत्ति की बिक्री में और वृद्धि होगी। जिसका फायदा उद्योग जरूर होगा।

गौरतलब है कि मुंबई में मार्च 2024 में 14,411 संपत्तियों का पंजीकरण दर्ज किया गया, जिससे राज्य सरकार को 1,143 करोड़ रुपये का राजस्व मिला। राज्य के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, स्टाम्प पंजीकरण में साल-दर-साल (वर्ष-दर-वर्ष) 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि संपत्ति पंजीकरण से राजस्व में साल-दर-साल आधार पर 7 प्रतिशत की गिरावट आई।

क्या होती है रेडी रेकनर दर

यह किसी विशेष क्षेत्र में संपत्तियों के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मूल्यांकन है। रेडी रेकनर दर, जिसे सर्कल रेट या मार्गदर्शन मूल्य के नाम से भी जाना जाता है, किसी खास इलाके में संपत्तियों के लिए राज्य सरकार द्वारा तय किया जाने वाला न्यूनतम मूल्यांकन है। यह स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क समेत संपत्ति लेन-देन से जुड़े कई करों, शुल्कों, और शुल्कों की गणना के लिए एक बेंचमार्क के रूप में काम करता है।

First Published - April 1, 2024 | 8:29 PM IST

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