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President’s Rule in Manipur: मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा, जानें विस्तार से सारा घटनाक्रम

"मैं भारत के राष्ट्रपति के रूप में मणिपुर राज्य सरकार के सभी कार्यों और इस राज्य के राज्यपाल द्वारा निहित या प्रयोग की जाने वाली सभी शक्तियों को अपने अधीन करती हूं।’’

Last Updated- February 13, 2025 | 9:19 PM IST
Manipur

मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के अपने पद से इस्तीफा देने के चार दिन बाद बृहस्पतिवार को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। विधानसभा को भी निलंबित कर दिया गया है।

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा करते हुए गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मानना है कि ‘‘ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें इस राज्य की सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चल सकती।’’

अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘अब, संविधान के अनुच्छेद 356 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, मैं घोषणा करती हूं कि मैं भारत के राष्ट्रपति के रूप में मणिपुर राज्य सरकार के सभी कार्यों और इस राज्य के राज्यपाल द्वारा निहित या प्रयोग की जाने वाली सभी शक्तियों को अपने अधीन करती हूं।’’
अधिसूचना में कहा गया है कि विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है।

कांग्रेस ने सरकार सहित बीजेपी नीत एनडीए को घेरा

पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्र सरकार के फैसले पर विपक्षी दल कांग्रेस ने भाजपा नीत एनडीए गठबंधन पर अपने राजनैतिक हमलें तेज कर दिए। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगियों को 2022 में मणिपुर में बहुमत मिला, लेकिन उनकी राजनीति के कारण 15 महीने बाद ‘भारी त्रासदी’ हुई। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया, क्योंकि गृह मंत्री राज्य का प्रबंधन करने में स्पष्ट रूप से विफल रहे जबकि उन्हें ये जिम्मेदारी प्रधानमंत्री ने सौंपी थी। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन राज्य के सामाजिक ताने-बाने के बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने के बाद लगाया गया।

मणिपुर सीएम ने दे दिया था इस्तीफा

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार, 9 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने यह फैसला बजट सत्र से ठीक पहले लिया। दिल्ली में सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ दो घंटे से ज्यादा लंबी बैठक की, जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्यपाल ने उनसे तब तक पद पर बने रहने को कहा है जब तक नई सरकार पदभार ग्रहण नहीं कर लेती। मई 2023 से मैतई और कुकी समुदायों के बीच चल रही जातीय हिंसा के बीच सिंह के इस्तीफे की लगातार मांग हो रही थी। सिंह ने जुलाई 2023 में भी अपना इस्तीफा सौंपा था, लेकिन अपने समर्थकों के विरोध के बाद उन्होंने उसे वापस ले लिया था।

मणिपुर सीएम के इस्तीफे के बाद का राजनैतिक घटनाक्रम जानें

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के एक दिन बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मामलों के प्रभारी संबित पात्रा ने आगे की रणनीति तय करने के लिए सोमवार, 10 फरवरी को इंफाल में कुछ भाजपा विधायकों के साथ बंद कमरे में बैठक की। दूसरी ओर विपक्ष ने कहा कि इस्तीफा देने में एन बीरेन सिंह ने बहुत देर कर दी। यह कदम भी राज्य विधान सभा में कांग्रेस के प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए उठाया गया है। कई विपक्षी सांसदों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर का दौरा करना चाहिए।

भाजपा के अंदरूनी सूत्रों बताया कि पात्रा के साथ बैठक में विधान सभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यव्रत, नगरपालिका प्रशासन आवास विकास मंत्री वाई खेमचंद, शिक्षा मंत्री थौनाओजम बसंत कुमार सिंह और पार्टी विधायक टी. राधेश्याम मौजूद थे। इनमें से तीन विधायक सिंह के साथ अपने तनावपूर्ण संबंधों के लिए जाने जाते हैं।

कौन हैं एन. बीरेन सिंह

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की राजनीतिक यात्रा में एक फुटबॉलर, पत्रकार, और फिर एक सफल राजनेता बनने का सफर शामिल है। बीरेन सिंह का जन्म 1 जनवरी 1961 को इंफाल, मणिपुर में हुआ था। शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक फुटबॉलर के रूप में की और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) में शामिल हुए, जहां उन्होंने 1981 में डूरंड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे। बाद में, उन्होंने BSF से इस्तीफा देकर पत्रकारिता में कदम रखा और 1992 में ‘नाहरोलगी थौडांग’ (Naharolgi Thoudang) नामक मैतेई भाषा के दैनिक समाचार पत्र की शुरुआत की, जिसमें वे 2001 तक संपादक रहे।

2002 में, बीरेन सिंह ने राजनीति में प्रवेश किया और डेमोक्रेटिक रिवॉल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी (DRPP) के टिकट पर हेंगांग विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता। बाद में, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) में शामिल होकर 2007 और 2012 के विधानसभा चुनावों में भी जीत हासिल की। इस दौरान, उन्होंने राज्य सरकार में सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण और युवा मामलों एवं खेल मंत्री के रूप में कार्य किया।

2016 में, बीरेन सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थामा। 2017 के विधानसभा चुनावों में, उन्होंने हेंगांग सीट से जीत दर्ज की और मणिपुर के पहले BJP मुख्यमंत्री बने। उनके नेतृत्व में, राज्य में कई विकासात्मक परियोजनाएं शुरू की गईं, जिनमें मणिपुर पब्लिक स्कूल के नए शैक्षणिक भवन की आधारशिला रखना और पहले राज्य-स्तरीय अदरक महोत्सव का आयोजन शामिल है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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First Published - February 13, 2025 | 8:55 PM IST

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