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BIMSTEC Summit: थाईलैंड जाएंगे PM मोदी, भूकंप के चलते यात्रा पर फिलहाल कोई परिवर्तन नहीं

यह प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी।  मोदी ने नवंबर 2019 में आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान पिछली यात्रा की थी।

Last Updated- March 28, 2025 | 10:18 PM IST
Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड में 3 अप्रैल को शुरू हो रहे छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि थाईलैंड में आए भूकंप का फिलहाल इस यात्रा पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है। इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री, दो दिवसीय यात्रा पर श्रीलंका जाएंगे।

सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने कहा, ‘हम भूकंप के मामले को लेकर बैंकॉक के अधिकारियों के संपर्क में हैं। फिलहाल ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे यह अंदाजा हो कि इसका शिखर सम्मेलन पर कोई असर पड़ेगा या नहीं।’ शुक्रवार की सुबह म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के उपनगरीय इलाके में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया जो देश के मध्य क्षेत्र में मौजूद है। हालांकि, थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से 1360 किलोमीटर दूर तेज झटके लगने से कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई और इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक 90 लोगों के लापता होने की सूचना थी।

आगामी छठे शिखर सम्मेलन के दौरान बिम्सटेक नेता इस समूह में अधिक सक्रियता बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं जिस समूह ने 1997 में अपनी स्थापना के बाद से आर्थिक सहयोग या भौतिक संपर्क में ज्यादा प्रगति नहीं दिखाई है। इस समूह में बंगाल की खाड़ी के आसपास के सात देश शामिल हैं जैसे कि भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका और थाईलैंड।

मजूमदार ने कहा, ‘हम बिम्सटेक देशों के साथ समुद्री परिवहन समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे जो एक बड़ा कदम होगा। शिखर सम्मेलन के दौरान, बैंकॉक विजन 2030 को अपनाया जाएगा और भविष्य में समूह की दिशा तय करने के लिए बिम्सटेक के मशहूर शख्सियतों के समूह की रिपोर्ट को भी समर्थन दिया जाएगा।’

उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2016 से मोटर वाहन समझौते (एमवीए) पर बातचीत शुरू हो गई है। इस समझौते का मकसद यात्रियों, निजी और मालवाहक वाहनों की आवाजाही के लिए एक ढांचा तैयार कर बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल के बीच निर्बाध तरीके से सीमा पार परिवहन और व्यापार को बिना किसी बाधा के सुविधाजनक बनाना है।

यह प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी।  मोदी ने नवंबर 2019 में आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान पिछली यात्रा की थी। मोदी की थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनवात्रा और थाई नरेश महा वजिरालॉन्गकोर्न के साथ द्विपक्षीय बैठकें होंगी। थाईलैंड के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार वर्तमान में 15 अरब डॉलर है। देश के सत्तारूढ़ जुंटा द्वारा तत्काल मानवीय सहायता के लिए अपील करने के बाद, भारत सहायता के लिए म्यांमार के अधिकारियों के भी संपर्क में बना हुआ है। इस वक्त कुल मौत का आंकड़ा बढ़कर 167 हो गया है जिनमें से 163 लोग म्यांमार के हैं और 300 से अधिक लोग घायल हैं।

श्रीलंका की यात्रा

अपनी यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री मोदी, श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायका के साथ पहले से तय किए गए सहयोग क्षेत्रों में हुई प्रगति की समीक्षा करने वाले हैं। तीन महीने पहले दिसानायका की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने एक संयुक्त दृष्टिकोण वाले दस्तावेज को अपनाया था।

दक्षिण के पड़ोसी देश श्रीलंका की चौथी यात्रा के दौरान, मोदी भौतिक, डिजिटल और ऊर्जा कनेक्टिविटी पर चर्चा करेंगे जिन्हें द्विपक्षीय संबंधों के मुख्य स्तंभों के रूप में चिह्नित किया गया है। दोनों देशों ने बिजली ग्रिड कनेक्टिविटी और बहु-उत्पाद पेट्रोलियम पाइपलाइनों की स्थापना के अलावा श्रीलंका के बिजली संयंत्रों के लिए भारतीय एलएनजी की आपूर्ति पर सहमति व्यक्त जताई थी।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, ‘हम ऊर्जा कनेक्टिविटी, डिजिटलीकरण, रक्षा, स्वास्थ्य और बहु-क्षेत्रीय अनुदान सहायता से संबंधित कई एमओयू (समझौता ज्ञापन) देखेंगे। दोनों नेता संपूर सौर ऊर्जा परियोजना की वर्चुअल आधारशिला भी रखेंगे।’

First Published - March 28, 2025 | 10:11 PM IST

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