भारत ने बुधवार को घोषणा की कि उसने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकवादी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई की है। सरकार ने कहा कि भारत की ‘नपी-तुली, टकराव को नहीं बढ़ाने वाली, संतुलित और जिम्मेदाराना’ कार्रवाई 25 मिनट तक चली। इस कार्रवाई में हाफिज सईद के संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और मौलाना मसूद अजहर के नेतृत्व में चलने वाले संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन दोनों संगठनों को आतंकवादी संगठन करार दिया गया है, जिनके तार मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए हमले और 2019 को पुलुवामा में हुए हमले और 22 अप्रैल को पहलगांम में हुए आतंकवादी हमले से जुड़े हुए हैं।
इस मामले के जानकार एक सूत्र ने बताया कि पहलगाम आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम से की गई कार्रवाई में उन स्थानों पर लगभग 24 सटीक हमले किए गए, जिन्हें आतंकवादी गतिविधियों के केंद्र के रूप में पहचाना गया था।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के दोषियों और साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने के लिए ‘आनुपातिक’ हमले करने का निर्णय लिया, क्योंकि पाकिस्तान की ओर से उसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों में आतंकवादी बुनियादी ढांचे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ‘कोई ठोस कदम’ नहीं उठाया गया। मिसरी ने कहा, ‘भारत की कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस बयान के अनुरूप है जिसमें पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया गया है।’
सैन्य अधिकारियों के अनुसार, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत, भारतीय सेना ने मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के मरकज तैयबा, बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के मरकज सुभान अल्लाह और सियालकोट में हिजबुल मुजाहिदीन के महमूना जोया फैसिलिटी और बरनाला में मरकज अहले हदीस में लश्कर के अड्डे और मुजफ्फराबाद के शावाई नाला में उसके शिविर को निशाना बनाया।
मिसरी के साथ एक मीडिया ब्रीफिंग में दो महिला अधिकारियों- सेना की सिग्नल कोर की कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायुसेना की हेलीकॉप्टर पायलट विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि यह अभियान देर रात 1:05 बजे से 1:30 बजे तक चलाया गया और सभी लक्ष्यों को कुशलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया।
अभियान के पूरा होने के 15 मिनट बाद रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ समय पहले, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में उन आतंकवादी बुनियादी ढांचों पर हमला करते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों का मंसूबा बनाया गया और इसे निर्देशित किया गया।’ इसने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों की कार्रवाई ‘केंद्रित और नपी-तुली थी। साथ ही यह ध्यान रखा गया कि यह और न बढ़े।’ बयान में कहा गया, ‘किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया है। भारत ने लक्ष्य के चयन और क्रियान्वयन के तरीके में काफी संयम दिखाया है।’
सैन्य सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कड़ी निगरानी रख रहे थे। इस कार्रवाई के बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की और सफल हमलों के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की। मिसरी ने कहा, ‘यह कार्रवाई नपी-तुली, टकराव को नहीं बढ़ाने वाली, संतुलित और जिम्मेदाराना थी। इसमें आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने और आतंकियों को निष्क्रिय करने पर ध्यान केंद्रित किया जिन्हें भारत में भेजा जा सकता था।’
भारत की कार्रवाई के कुछ घंटे बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारतीय मिसाइल हमलों को ‘युद्ध की कार्रवाई’ करार दिया और कहा कि उनके देश को ‘उचित जवाब’ देने का पूरा अधिकार है। हालांकि, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि यदि नई दिल्ली नरम रुख अपनाती है तो इस्लामाबाद उसके साथ तनाव समाप्त करने के लिए तैयार है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारतीय हमलों को ‘अकारण’ बताया और कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन किया है।