कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए सभी सरकारी, अर्धसरकारी और निजी कार्यालयों एवं प्रतिष्ठानों आंतरिक शिकायत समिति गठित करने का निर्देश दिया गया है। जिन कार्यस्थलों में समिति का गठन नहीं किया जाएगा उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
मुंबई शहर के जिला मजिस्ट्रेट संजय यादव ने कहा कि जिस कार्यालय में दस या इससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हों, वहां इस समिति का गठन करना आवश्यक। इस समिति में कार्यालय की एक वरिष्ठ महिला को अध्यक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए , साथ ही सामाजिक कार्य में अनुभव या कानून का ज्ञान रखने वाले दो स्टाफ सदस्यों को भी शामिल किया जाना चाहिए। इसके अलावा, समिति में महिला मुद्दों से संबंधित किसी गैर-सरकारी संगठन के सदस्य को भी शामिल करना अनिवार्य होगा।
प्रत्येक कार्यालय को अनिवार्य रूप से यह बताना होगा कि एक आंतरिक शिकायत समिति गठित की गई है। यह जानकारी कार्यालय के प्रमुख स्थान पर एक बोर्ड के माध्यम से दी जानी चाहिए। इसके अलावा इस अधिनियम के अनुसार प्रत्येक तीन वर्ष में समिति का पुनर्गठन करना भी आवश्यक होगा। यह जानकारी कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार जिले के उप जिला मजिस्ट्रेट (एस.पी.) और जिला मजिस्ट्रेट गणेश सांगले ने दी।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी की गई जानकारी में कहा गया है कि कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समिति का गठन करना अनिवार्य है। कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम के अनुसार, प्रत्येक सरकारी, अर्द्ध सरकारी कार्यालय, संगठन, निगम, प्रतिष्ठान, संस्थान और शाखा, जो सरकार द्वारा स्थापित है या जो सरकार के नियंत्रण में है, या जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकार द्वारा संचालित है। उन सभी प्रतिष्ठानों में इस समिति का गठन अनिवार्य है, जिन्हे सरकारी धन प्राप्त होता है ।
निजी क्षेत्र के संगठन, उद्यम, गैर-सरकारी संगठन, समाज, ट्रस्ट, उत्पादन, वितरण और बिक्री में शामिल व्यवसाय, वाणिज्यिक, पेशेवर, शैक्षिक, मनोरंजन, औद्योगिक, स्वास्थ्य सेवाएं, वित्तीय परिचालन, अस्पताल, नर्सिंग होम, खेल सभी स्थानों जैसे संस्थानों, सभागारों, खेल परिसरों आदि पर भी इस समिति का गठन किया जाना आवश्यक है। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी शोभा शेलार ने कहा कि अधिनियम में उल्लेखित सभी सरकारी एवं निजी कार्यालयों में यह समिति अनिवार्य रूप से गठित की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 का देशव्यापी अनुपालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 3 दिसंबर, 2024 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी सरकारी विभागों और उपक्रमों में आंतरिक शिकायत समिति गठित करने का निर्देश दिया था। अदालत ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 31 दिसंबर, 2024 तक प्रत्येक जिले में एक अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश था, जिसे 31 जनवरी, 2025 तक एक स्थानीय शिकायत समिति का गठन करना था और तालुका स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करना था। अदालत ने अपने निर्देशों के अनुपालन के लिए 31 मार्च, 2025 तक का समय दिया है ।