एक सरकारी सर्वेक्षण के अनुसार 2020-2021 के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में 95 फीसदी और शहरों में 97.2 फीसदी लोगों की पेयजल के बेहतर स्रोतों तक पहुंच रही।
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) के 78वें दौर के ‘मल्टीपल इंडिकेटर सर्वे’ (MIS) पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में लगभग 56.3 फीसदी और शहरी इलाकों में लगभग 76.3 फीसदी लोगों ने घरेलू परिसरों में स्थित पेयजल के उन्नत स्रोतों (improved source) का इस्तेमाल किया, जो वर्ष भर पर्याप्त रूप से उपलब्ध थे।
MIS का प्राथमिक उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के कुछ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संकेतकों के निर्माण के लिए आंकड़ा एकत्र करना था। सर्वेक्षण को शुरू में जनवरी-दिसंबर 2020 के दौरान करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण, आंकड़े एकत्र करने का काम 15 अगस्त, 2021 तक जारी रखा गया था।
केंद्रीय नमूने के लिए, सर्वेक्षण 14,266 प्रथम चरण इकाइयों (ग्रामीण क्षेत्रों में 8,469 और शहरी क्षेत्रों में 5,797) में किया गया था, जिसमें 2,76,409 घरों के नमूने शामिल थे।
मार्च में जारी MIS पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 78.7 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में लगभग 97.1 फीसदी परिवारों ने बताया कि घर के ज्यादातर सदस्यों की शौचालय तक पहुंच है।
इसमें कहा गया है कि जिन लोगों ने शौचालयों की सुविधा उपलब्ध होने की सूचना दी थी, उनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 97.5 फीसदी जबकि शहरी क्षेत्रों में लगभग 99 फीसदी लोग शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 77.4 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में लगभग 92.7 फीसदी लोगों के पास परिसर के भीतर पानी और साबुन/डिटर्जेंट से हाथ धोने की सुविधा है।
इसमें कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 49.8 फीसदी परिवार और शहरी क्षेत्रों में लगभग 92.0 फीसदी परिवार खाना पकाने के लिए ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत के रूप में स्वच्छ ईंधन का उपयोग करते हैं।
स्वच्छ ईंधन में एलपीजी, अन्य प्राकृतिक गैस, गोबर गैस, अन्य बायोगैस, बिजली (सौर/पवन ऊर्जा जनरेटर द्वारा उत्पन्न सहित) और सौर कुकर आदि शामिल हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 33 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 15-29 वर्ष की आयु के लगभग 39.4 फीसदी व्यक्ति सर्वेक्षण से पहले 12 महीनों के लिए औपचारिक और गैर-औपचारिक शिक्षा और प्रशिक्षण में थे।
ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 92.5 फीसदी परिवारों ने रहने की जगह से दो किलोमीटर के दायरे में सड़कों की उपलब्धता की सूचना दी। ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 11.2 फीसदी परिवारों और शहरी क्षेत्रों में लगभग 7.2 फीसदी परिवारों ने 31 मार्च, 2014 के बाद आवासीय उद्देश्य के लिए कोई नया घर/फ्लैट खरीदा या बनाया।