भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नरेंद्र मोदी तीसरी बार फिर से भारत के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। उनका शपथ ग्रहण समारोह रविवार, 9 जून को शाम 6 बजे होगा। शुक्रवार, 7 जून को भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने उन्हें संसद में अपना नेता चुना, जिसका मतलब है कि वे अगले प्रधानमंत्री होंगे।
इस फैसले से उनके तीसरे शपथ ग्रहण समारोह का रास्ता साफ हो गया है। इस समारोह में सम्मिलित होने के लिए दुनिया के कई नेताओं और विभिन्न पृष्ठभूमियों के लोगों को कई निमंत्रण भेजे गए हैं। यह भारत के विविध समुदायों के योगदान को स्वीकार करने के मोदी के इरादे को दर्शाता है।
नरेंद्र मोदी के तीसरे शपथ ग्रहण समारोह में किसे आमंत्रित किया गया है?
राष्ट्रपति भवन मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए लगभग 8,000 मेहमानों के स्वागत की तैयारी कर रहा है। इनमें कानून, चिकित्सा, कला, संस्कृति और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों की उल्लेखनीय हस्तियां शामिल हैं।
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, वंदे भारत और मेट्रो ट्रेनों जैसी परियोजनाओं के रेलवे कर्मचारियों और सरकारी योजनाओं से लाभान्वित लोगों सहित ‘विकसित भारत के राजदूत’ भी शामिल होंगे।
विशेष अतिथियों में आदिवासी महिलाएं, सफ़ाई कर्मचारी, ट्रांसजेंडर व्यक्ति और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के मज़दूर शामिल होंगे। पिछले साल उत्तराखंड के उत्तरकाशी में फंसे 41 मज़दूरों को बचाने में मदद करने वाले रैट-होल खनिकों को भी आमंत्रित किया गया है।
अतिथि लिस्ट में भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी, राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य, निवर्तमान सांसद, जिला अध्यक्ष, सांसद, विधायक, एमएलसी और लोकसभा प्रभारी शामिल हैं। विभिन्न धर्मों के लगभग 50 धार्मिक नेताओं को भी निमंत्रण मिला है।
इसके अतिरिक्त, समाज में उनके योगदान के लिए मोदी द्वारा अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किए गए व्यक्ति, साथ ही पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता भी समारोह में उपस्थित रहेंगे।
मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में वर्ल्ड लीडर्स को आमंत्रित किया गया
विश्व नेताओं के लिए मोदी की अतिथि लिस्ट उनकी सरकार की ‘पड़ोसी पहले’ नीति पर जोर देती है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने 9 जून के कार्यक्रम में शामिल होने की पुष्टि की है।
कथित तौर पर आमंत्रित अन्य विदेशी गणमान्य व्यक्तियों में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल, भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ शामिल हैं।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू भी इस सामारोह में आ रहे हैं, जिन्होंने कथित तौर पर निमंत्रण स्वीकार कर लिया है, जो पिछले नवंबर में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से उनकी पहली भारत यात्रा है। यह घटनाक्रम इस साल की शुरुआत में तनाव के बाद नई दिल्ली और माले के बीच संबंधों में सुधार का संकेत देता है।
2014 और 2019 में किस-किसको को आमंत्रित किया गया?
नरेंद्र मोदी 2014 से भाजपा और एनडीए का नेतृत्व कर रहे हैं। अपने पहले शपथ ग्रहण समारोह के दौरान, मोदी ने पारंपरिक रूप से घरेलू कार्यक्रम में अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका सहित सार्क देशों के प्रमुखों को आमंत्रित करके कई लोगों को चौंका दिया था।
2019 में, जब भाजपा और एनडीए ने बड़ा जनादेश हासिल किया, तो विदेशी नेताओं को फिर से अतिथि लिस्ट में शामिल किया गया।
मोदी ने 57 मंत्रियों के साथ मई 2019 में राष्ट्रपति भवन में शपथ ली, जिसमें बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड सहित BIMSTEC देशों के नेता शामिल हुए। किर्गिज़ गणराज्य और मॉरीशस के नेताओं को भी निमंत्रण भेजा गया था।
बांग्लादेश की शेख हसीना को पहले से ही किसी विदेशी कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो हो पाई थीं। अतिथि लिस्ट में विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियां भी शामिल थीं, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के प्रबंध निदेशक, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और शाहरुख खान, संजय भंसाली, करण जौहर, कंगना रनौत, रजनीकांत और कमल हसन जैसे जाने-माने अभिनेता शामिल थे।
पीटी उषा, साइना नेहवाल, हरभजन सिंह, राहुल द्रविड़ जैसी खेल हस्तियों और मुकेश अंबानी, गौतम अदाणी और रतन टाटा जैसे टॉप उद्योगपतियों को भी आमंत्रित किया गया था।
इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा में कथित रूप से मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवार के सदस्यों को भी मोदी के दूसरे शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया गया था।