देश का पुराना कारोबारी हब दक्षिण मुंबई इलाके की भारी भीड़ भाड़ यातायात के लिए हमेंशा से एक चुनौती रही है। सैकड़ों लोगों की भीड़ के बीच से हो हा हे.. करते माथाड़ी कामगार हाथगाड़ी खींचकर इन इलाकों के बाजारों में माल पहुंचाते हैं।
यातायात की समस्या पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने हाथगाड़ियों पर समय की बेड़िया डाल दी है जिसके कारण दुकानों में माल पहुंच पाना मुश्किल हो रहा है। माल समय पर न पहुंचने से दक्षिण मुंबई का कारोबार ठप होने के कगार पर पहुंच गया। यातायात विभाग ने सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और शाम चार बजे से आठ बजे तक हाथगाड़ी के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया।
देश के सबसे पुराने कारोबारी हब में शुमार दक्षिण मुंबई का कालबादेवी, भूलेश्वर, मुंबादेवी, ओपेरा हाउस, ग्रैंट रोड, महालक्ष्मी, ताडदेव इलाके सहित लगभग पूरे दक्षिण मुंबई में दिन के समय लोगों का चलना मुश्किल हो जाता है।
कपड़ा, तांबा, बर्तन, सोना-चांदी, चश्मे, यार्न, इलेक्ट्रॉनिक, जूता-चप्पल, साइकिल, कम्पीयूटर इत्यादि के थोक एवं रिटेल बाजार होने के कारण इन इलाकों में भारी भीड़ होती है जिसके कारण यातायात को सुचारु रखना प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता है। इस चुनौती से निपटने के लिए यातायात विभाग ने पहले से दिन के समय भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर रखा है।
लेकिन पिछले महीने एक सर्कुलर निकालकर हाथगाड़ी के चलने पर भी प्रतिबंध लगा दिया। सर्कुलर के मुताबिक सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और शाम चार बजे से आठ बजे तक हाथगाड़ी को सड़कों पर चलने की इजाजत नहीं है। प्रशासन के इस कदम से कारोबारी और माथाड़ी (हाथगाडी से सामान ले जाने वाले मजदूर) परेशान है क्योंकि दोनों का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
कारोबारी संस्थाओं का संगठन फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र (फॉम) के अध्यक्ष जितेन्द्र शाह कहते हैं कि दक्षिण मुंबई प्रमुख व्यापारिक केंद्र है और पूरे देश के लिए कपड़े, रेडीमेड गारमेंट्स, आभूषण, स्टील, धातु, ऑटो पार्ट्स, बर्तन बिजली, बीयरिंग, पाइप, फिटिंग आदि और अधिकांश सामग्री के व्यवसायों के लिए सामानों का सबसे बड़ा वितरक है।
दुकानों से ट्रांसपोर्टरों के गोदाम तक हाथगाडी द्वारा ही सामान पहुंचता है। अधिकांश व्यवसाय के मालिक उपनगर में रहते हैं और सुबह 10-11 बजे के आसपास लोकल ट्रेन से दक्षिण मुंबई आते हैं और उनकी दुकान पर आने वाले ग्राहकों से या फोन पर ऑर्डर लेते हैं और तदनुसार वे उचित पैकिंग के बाद शाम तक उसी को भेजने की योजना बनाते हैं।
व्यापार के समय पर हाथगाडी को रुक जाएगी तो व्यापार कैसे होगा। हाथगाड़ी की आवाजाही पर इस तरह के प्रतिबंध दक्षिण मुंबई में सभी व्यवसायों को खत्म कर देगा। फॉम इसका पुरजोर विरोध करता है और अधिसूचना पर फिर से विचार करने और इसे रद्द करने का अनुरोध करता है। अभी हम अपनी बात शांतीपूर्ण तरीके से प्रशासन और सरकार तक पहुंचा रहे हैं उन्हे समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि व्यापार खत्म हो जाएगा, इसके बाद भी कारोबारियों और मजदूरों की बात नहीं सुनी गई तो हमें दूसरे रास्ते अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
भारत मर्चेंट चेम्बर के ट्रस्टी राजीव सिंगल कहते हैं कि इन इलाकों में ट्रांसपोर्टरस और गोदामों से दुकानों तक माल पहुंचाने के साधन हाथगाड़ी ही है। आज भी होलसेल की सबसे अधिक खरीदारी, यहीं से कारोबारी करते हैं। मुंबई से ही नहीं अन्य शहरों से भी व्यापारी खरीदारी करने यहां आते हैं। हाथगाडी पर प्रतिबंध लगाने के कारण न कारोबारियों के पास माल समय पर नहीं पहुंच पा रहा है और न ही जा पा रहा है जिसके कारण कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इस पर ध्यान देना बहुत जरुरी है नहीं तो इस इलाके से कारोबार धीरे धीरे पलायन कर जाएगा।
माथाडी कामगार सत्यव्रत का कहना है कि इस इलाके में दुकाने करीब 11 बजे खुलती है उसके पहले भीड़ भी नहीं रहती है। ट्रांसपोर्टर माल रात में लाते हैं हम सुबह माल उठाकर पहुंचा देते हैं लेकिन 11 बजे तक काम नहीं करने दिया जा रहा है। 11 बजे के बाद भीड़ शुरु हो जाती है और फिर एक बजे लंच का समय हो जाता है।
इसके साथ ही दोपहर में दो बजे से चार बजे तक बहुत से लोग आराम करते हैं इसीलिए सोसायटियां इस बीच काम नहीं करने देती है। चार बजे से आठ बजे तक फिर प्रशासन की बंदिश लागू हो जाती है। ऐसे में हम लोग काम कब करें। जब कारोबारी का माल ही नहीं पहुंचेगा तो वह हमें भुगतान किस बात का करेंगा। माथाडी कामकारों का कहना है कि प्रशासन के इस कदम से मजदूरों के सामने रोजी रोटी का सवाल खड़ा हो गया है।
दक्षिण मुंबई में करीब 2000 हाथगाड़ी चलती है जिनमें करीब 20 हजार से ज्यादा माथाड़ी कामगार काम करते हैं। यातायात विभाग द्वारा 8 मई को जारी किए गए सर्कुलर में दक्षिण मुंबई की 40 सड़कों पर हाथगाड़ी पर समय की बेडिया डाली गई है ।