Maharashtra rains: महाराष्ट्र में मॉनसून कुछ ज्यादा ही मेहरबान हो गया है। भारी बारिश के कारण मुंबई, पुणे सहित राज्य के कई शहरों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जलभराव के कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया गया, सड़कें बंद करनी पड़ी, हवाई यातायात भी प्रभावित हुआ है। प्रशासन ने स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी करते हुए लोगों से घरों पर रहने का फरमान जारी किया।
महाराष्ट्र में बारिश आफत बन गई, मुंबई और पुणे का हाल बुरा है। लगातार बारिश के चलते इन शहरों के कई इलाकों में सड़कें जलमग्न हो गई हैं। भारी बारिश की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग ने कई इलाकों के लिए बारिश का येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
इसके अलावा अतिवर्षा के कारण पुणे के कई रिहायशी इलाकों में पानी भर गया है। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण पुणे में जान माल का भारी नुकसान हुआ है। पुणे और मुंबई में भारी बारिश के कारण कामकाज के लिए आने जाने वाले लोगों को भारी परेशानी हो रही है। कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से ही काम करने को कहा है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लोगों से अपील कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा। मैं मुंबईकरों से अपील करता हूं कि अगर जरूरी न हो तो बाहर न निकलें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो पुणे में बारिश से प्रभावित लोगों को हवाई मार्ग से निकाला जाएगा। सेना और एनडीआरएफ के अधिकारियों से भी बात कर लोगों को निकालने में मदद मांगी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हमने उन्हें लोगों को हवाई मार्ग से निकालने को कहा है। चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। प्रशासन को सतर्क रहने और आवश्यक प्रबंध करने तथा यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि कोई जनहानि न हो।
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भारी बारिश के बीच आईएमडी द्वारा मुंबई के लिए रेड अलर्ट जारी करने के बाद, बीएमसी ने गुरुवार को शहर के सभी स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया। पुणे, ठाणे, पालघर और रायगढ़ समेत प्रदेश के कई जिलों में स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। पुणे के जिला कलेक्टर सुहास दिवसे ने बताया कि भारी बारिश और जलभराव के कारण खड़कवासला क्षेत्र, भोर, वेल्हा, मावल, मुलशी, हवेली तालुका और पुणे शहर और पिंपरी चिंचवाड़ क्षेत्र के स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है।
सांगली और कोल्हापुर जिलों में बाढ़ का खतरा टालने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक से अलमाटी बांध से पानी छोड़ने की मात्रा को मौजूदा 2.5 लाख क्यूसेक से बढ़ाकर तीन लाख क्यूसेक करने को कहा है। महाराष्ट्र के सतारा जिले में कोयना बांध का जल भंडारण बहुत कम समय में 600 करोड़ क्यूबिक फुट (टीएमसी) बढ़ गया है और यह पहले ही 75 प्रतिशत भर चुका है। इसका मतलब है कि हमें कोयना बांध से पानी छोड़ना होगा, जिससे कृष्णा नदी का जलस्तर बढ़ जाएगा।
कोयना बांध कोयना नदी पर बना है और इसकी भंडारण क्षमता 105 टीएमसी है। कोयना नदी कृष्णा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है, जो दक्षिण की ओर बहती है और सांगली शहर और कोल्हापुर जिले को पार करते हुए कर्नाटक में प्रवेश करती है। सतारा में पश्चिमी घाट के सबसे ऊंचे इलाकों में से एक महाबलेश्वर में पिछले कुछ दिनों से बहुत भारी बारिश हो रही है। यदि अलमाटी बांध से पानी छोड़ने की मात्रा को नहीं बढ़ाया गया तो सांगली और कोल्हापुर जिले के कुछ हिस्सों में बाढ़ आ जाएगी। जल संसाधन विभाग को कोल्हापुर में वार्ना बांध से लगभग 11 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने की भी आवश्यकता है।