महाराष्ट्र सरकार ने बजट में 30 लाख रुपये से अधिक मूल्य के इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर 6 फीसदी कर लगाने की घोषणा की थी, जिसे सदन में मंजूरी भी मिल गई थी। लेकिन राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार इस टैक्स को वापस लेगी। सरकार की कोशिश है कि राज्य की सड़कों पर चलने वाले कम से कम 80 प्रतिशत वाहन ईवी वाहन हों। इसके लिए एसटी निगम की सभी बसों को चरणबद्ध तरीके से गैर-पारंपरिक ईंधन में परिवर्तित किया जाएगा और सरकारी विभाग की गाड़ियों का परिचालन इलेक्ट्रिक और एलएनजी ईंधन से किया जाएगा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज विधान परिषद को बताया कि एसटी बसों का परिचालन इलेक्ट्रिक और एलएनजी ईंधन से शुरू करने की योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एसटी महामंडल के लिए 5,150 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएंगी। इनमें से 450 बसें खरीदी जा चुकी हैं। इसके अलावा, एसटी की मौजूदा बसों को एलएनजी में परिवर्तित किया जाएगा और एलएनजी की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके एक भाग के रूप में, ईवी नीति शुरू की गई है। राज्य में बड़े पैमाने पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट में 30 लाख रुपये से अधिक मूल्य के ईवी वाहनों पर 6 प्रतिशत कर की घोषणा की गई थी, लेकिन इस टैक्स को वापस लेने की घोषणा सदन में की जाएगी। यह सुनिश्चित करने के प्रयास चल रहे हैं कि राज्य की सड़कों पर चलने वाले कम से कम 80 प्रतिशत वाहन ईवी वाहन हों। ईवी वाहनों का उपयोग बढ़ाने से प्रदूषण कम करने में काफी मदद मिलेगी।
अधिकतम ईवी बसें खरीदने के प्रयास किए जा रहे हैं और सरकार की नीति यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक परिवहन प्रणाली प्रदूषण मुक्त हो। फडणवीस ने कहा कि सभी सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाना सरकार की नीति है। विधायकों को दिए जाने वाले वाहन ऋण पर ब्याज में छूट इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी दी जाएगी। सरकार सभी मंत्रियों के वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने की योजना बना रही है।
गौरतलब है कि 10 मार्च को पेश किए गए बजट में 30 लाख रुपये से अधिक मूल्य के इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर 6 फीसदी चार्ज लगाने की घोषणा की गई थी। 21 मार्च को महाराष्ट्र मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन के लिए पेश विधेयक पर चर्चा हुई और सरकार ने इस बिल को मंजूरी दे दी है। विधान परिषद में पेश बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए सदस्यों ने मांग की थी कि सरकार को 6 फीसदी टैक्स 30 लाख की बजाय 60 लाख रुपये तक के वाहनों पर लगाना चाहिए।
सदस्यों की मांग का जवाब देते हुए परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने सदन में कहा था कि 30 लाख रुपये से अधिक कीमत के इलेक्ट्रिक वाहन विदेशों से मंगाने वाले गरीब नहीं हैं। इसलिए सरकार ने ऐसे वाहनों पर 6 फीसदी चार्ज लगाने का फैसला किया है।