भारत के प्रधान न्यायाधीश के तौर पर न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का कार्यकाल भले ही संक्षिप्त रहा, लेकिन करीब छह माह की अपनी पारी में वह धर्मनिरपेक्षता को बनाए रखने के मामले में एक लंबी लकीर खींच गए। उन्होंने सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार को समाप्त करने के महत्त्वपूर्ण फैसले के साथ न्यायिक पटल पर भी अमिट छाप छोड़ी। पिछले साल 11 नवंबर को 51वें सीजेआई के रूप में शपथ लेने वाले न्यायमूर्ति संजीव खन्ना मंगलवार को सेवानिवृत्त हो गए।
उन्होंने अपने छोटे से कार्यकाल में एक अलग सोच रखने वाले व्यक्ति के रूप में कुछ अभूतपूर्व फैसले लिए। उन्होंने सीजेआई बनने के तुरंत बाद एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया और संविधान में 1976 के उस संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी, जिसके तहत प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द जोड़े गए थे।
सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार को बिल्कुल न सहने की नीति को कायम रखते हुए उनकी अध्यक्षता वाली पीठ ने चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण पश्चिम बंगाल के स्कूलों में 25,000 से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को अपनी संपत्ति उजागर करने का निर्देश देना उनके कुछ महत्त्वपूर्ण दिशानिर्देशों में से एक रहा। एक मौजूदा न्यायाधीश के आधिकारिक आवास से नकदी मिलने से उत्पन्न विवाद के बाद उन्होंने जांच की अनुमति दी। न्यायाधीशों की नियुक्तियों पर कॉलेजियम रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने के उनके एक और फैसले ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना ने मंगलवार को कहा कि यद्यपि वह सेवानिवृत्ति के उपरांत कोई आधिकारिक पद नहीं लेंगे, लेकिन कानून के क्षेत्र में अपनी पारी जारी रखेंगे। अपने कार्यकाल के अंतिम दिन मंगलवार को सीजेआई ने पीठ की औपचारिक कार्यवाही समाप्त होने के बाद शीर्ष अदालत परिसर में पत्रकारों से मुलाकात की और कहा, ‘मैं सेवानिवृत्ति के बाद कोई पद स्वीकार नहीं करूंगा। शायद कानून के क्षेत्र में कुछ करूंगा।’
न्यायमूर्ति खन्ना का जन्म 14 मई, 1960 को हुआ था और उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में नामांकित होने से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर में कानून की पढ़ाई की थी। अगले सीजेआई के तौर पर मनोनीत न्यायमूर्ति बी आर गवई ने भी सेवानिवृत्ति के बाद किसी पद को अस्वीकार करने के संकेत दिए हैं।