पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 21 जुलाई को इस्तीफा दे दिया। इससे पहले केवल दो ही उपराष्ट्रपति, वीवी गिरि ने 1969 में और आर. वेंकटरमन ने 1987 में कार्यकाल पूरा होने से पहले पद छोड़ा था। लेकिन ये दोनों ऐसे उपराष्ट्रपति थे, जिन्होंने राष्ट्रपति बनने के कारण पद त्याग किया था।
धनखड़ ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से लगभग दो साल पहले ही इस्तीफा दिया है। अभी उनके कार्यकाल में 749 दिन शेष रह गए थे। उपराष्ट्रपति, राज्य सभा के सभापति भी होते हैं। इस लिहाज से धनखड़ का कामकाज मिला-जुला ही रहा। लेकिन, अपने दोनों पूर्ववर्तियों की तुलना में उच्च सदन में उनके कामकाज का औसत समय सबसे कम रहा। यह अलग बात रही कि 2024 और 2025 के बजट सत्रों के दौरान अपने निर्धारित समय का 100 प्रतिशत इस्तेमाल हुआ। हालांकि प्रश्नकाल अपने आवंटित समय के 85 प्रतिशत से भी कम चला, जिसमें ज्यादातर ग्रामीण विकास, शिक्षा, पर्यावरण और अन्य जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
11 अगस्त 2012 से 11 अगस्त 2017 तक उपराष्ट्रपति के रूप में मोहम्मद हामिद अंसारी के कार्यकाल के दौरान राज्य सभा ने प्रति सत्र औसतन 89 घंटे काम किया। उनके उत्तराधिकारी यानी 11 अगस्त 2017 से 10 अगस्त 2022 तक इस पद पर सेवा देने वाले एम. वेंकैया नायडू के कार्यकाल में औसतन 74 घंटे काम हुआ। इसके विपरीत, जगदीप धनखड़ के कार्यकाल में सबसे कम औसतन 57 घंटे कामकाज दर्ज किया गया।
वर्ष 2020 से विशेष रूप से कोविड महामारी और उसके बाद 2024 तक राज्य सभा में पूछे गए प्रश्नों की कुल संख्या सालाना 10,000 से कम रही है। खास यह कि इन प्रश्नों में से 80 प्रतिशत से अधिक अतारांकित या लिखित श्रेणी में आते हैं।
निर्वाचन आयोग ने जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने के दो दिन बाद बुधवार को कहा कि उसने उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आयोग ने कहा कि उसने संसद के दोनों सदनों के सांसदों के निर्वाचक मंडल का गठन शुरू कर दिया है। निर्वाचित और मनोनीत दोनों सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं। आयोग ने कहा कि वह निर्वाचन अधिकारी और सहायक निर्वाचन अधिकारियों के नामों को भी अंतिम रूप दे रहा है।
इसने कहा, ‘तैयारियां पूरी होने के बाद जल्द से जल्द उपराष्ट्रपति चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी।’
जगदीप धनखड़ ने सोमवार को आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 10 अगस्त, 2027 को समाप्त होना था। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति पद से धनखड़ के इस्तीफे की औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी थी। संविधान के अनुच्छेद 68 के खंड 2 के अनुसार उपराष्ट्रपति के निधन, त्यागपत्र या पद से हटाए जाने के बाद यथाशीघ्र चुनाव कराना होता है।