प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को कहा कि देश में घेरलू स्तर पर दाखिल किए जाने वाले पेटेंट की संख्या विदेशों से दाखिल किए जाने वाले पेंटेंट से अधिक हो गई है और उन्हें विश्वास है कि ‘तकनीकी दशक’ होने का भारत का सपना इन नवोन्मेषकों के दम पर पूरा होगा।
मोदी ने नए साल में अपने पहले ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) कार्यक्रम में कहा कि यह देश की बढ़ती वैज्ञानिक क्षमता को रेखांकित करता है। प्रधानमंत्री प्रौद्योगिकियों के विकास वाले इस दशक के लिए ‘तकनीकी दशक’ शब्द का पहले भी प्रयोग कर चुके हैं।
इनमें से बहुत सारी प्रौद्योगिकियां भारत में ईजाद की गई हैं। मोदी ने कहा कि पेटेंट दाखिल करने के मामले में भारत का विश्व में स्थान सातवां है, जबकि ट्रेडमार्क पंजीकरण में वह पांचवें नंबर पर है।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में भारत के पेटेंट पंजीकरण में 50 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि वैश्विक नवोन्मेष सूचकांक में भारत 2015 में 80वें स्थान के मुकाबले अब 40वें पायदान पर पहुंच गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि तकनीकी दशक बनने का भारत का सपना उसके नवोन्मेषकों और उनके द्वारा दाखिल किए जाने वाले पेटेंट से पूरा होगा। ’’
मोदी ने कहा कि प्रतिष्ठित भारतीय विज्ञान संस्थान ने 2022 में 145 पेटेंट कराए हैं, जो एक शानदार मिसाल है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पद्म पुरस्कार से सम्मानित लोगों में संगीत की दुनिया को मजबूत करने वाले लोगों के अलावा कई आदिवासी या ऐसे लोग शामिल हैं, जो समुदाय के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से विजेताओं के बारे में पढ़ने की अपील की और कहा कि उनकी गाथाएं नयी पीढ़ियों को प्रेरित करेंगी।