प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि रूस इस आयोजन का साझेदार देश है और यह व्यापार मेला दोनों देशों की सदाबहार और मजबूत दोस्ती का प्रमाण है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में अमेरिका ने भारत को रूस के साथ संबंधों को कम करने खासकर रूस से कच्चे तेल की खरीद नहीं करने का दबाव बनाया है।
इस साल दिसंबर में रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन द्विपक्षीय सालाना शिखर सम्मेलन में भारत आ सकते हैं। ऐसे में भारत और रूस के बीच संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है। रूसे के उप प्रधानमंत्री एवं कृषि एवं कृषि उत्पाद मंत्री दिमित्री पात्रुशेव भी इस हफ्ते भारत आए थे।
अमेरिका लगातार रूस से तेल खरीदने पर भारत पर दबाव बनाए हुए है। मगर उसने यह भी संकेत दिया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जल्द मुलाकात हो सकती है। कहा जा रहा है कि दोनों देशों के प्रमुख 26 से 28 अक्टूबर तक कुआलालंपुर में आयोजित होने वाले पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात कर सकते हैं। एजेंसी की खबरों के मुताबिक, यह भी पता चला है कि ट्रंप क्वाड शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत आ सकते हैं, जो इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत में आयोजित होने वाला है।
ग्रेटर नोएडा में प्रधानमंत्री ने घरेलू रक्षा उत्पादन के लिए एक परिवेश बनाने के सरकार के प्रयासों का जिक्र किया और कहा कि उत्तर प्रदेश की इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने भारत-रूस रक्षा सहयोग का भी उल्लेख किया। मोदी ने कहा, ‘रूस के सहयोग से स्थापित एक कारखाने में जल्द ही एके-203 राइफलों का उत्पादन शुरू होगा।’ मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक रक्षा गलियारा भी विकसित किया जा रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल सहित कई हथियारों का उत्पादन वहां पहले ही शुरू हो चुका है।
आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक रूस इस व्यापार मेले में एक साझेदार देश के तौर पर शामिल है, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार, प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान और दीर्घावधि सहयोग का मार्ग प्रशस्त होगा तथा रणनीतिक महत्त्व को भी बढ़ावा मिलेगा। बयान में कहा गया है कि इस व्यापार मेले में 2,400 से अधिक प्रदर्शक, 1.25 लाख बीटुबी आगंतुक और 4.50 लाख बीटुसी आगंतुक भाग ले रहे हैं। इससे पहले, बुधवार को अमेरिका के ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट ने न्यूयॉर्क में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि भारत के साथ अमेरिका प्राकृतिक गैस, कोयला और परमाणु ऊर्जा सहित ऊर्जा सहयोग और व्यापार को और आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक है। राइट ने कहा, ‘बेशक हम चाहते हैं कि भारत हमसे तेल खरीदे। आप दुनिया में कहीं से भी तेल खरीदें, बस रूस नहीं खरीदें। यही हमारा कहना है।’
ग्रेटर नोएडा के अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती से आमलोगों को मिले फायदों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि देश की कृषि अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ट्रैक्टर को खरीदने के लिए 2014 से पहले लोगों को 70,000 रुपये का कर देना पड़ता था। अब उसी ट्रैक्टर पर सिर्फ 30,000 कर लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गरीब तबके के लोगों की आजीविका के लिए महत्त्वपूर्ण माने जाने वाले तिपहिया पर पहले 55,000 रुपये का कर लगता था, जो 35,000 रुपये कर दिया गया है। इससे लोगों की जेब में 20,000 रुपये की बचत हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह स्कूटर 8,000 रुपये तक और मोटरसाइकल 9,000 रुपये तक सस्ते हो गए हैं। कांग्रेस और उसकी घटक दलों पर लोगों से झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इसका मतलब है कि गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग यानी सभी तबके के लिए बचत हुई है।’
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने आमलोगों से स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का आग्रह किया और अपनी सरकार की आत्मनिर्भरता के प्रति प्रतिबद्धता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दूसरों पर निर्भरता से बड़ी और कोई लाचारी नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इस बदलती दुनिया में जितना कोई देश दूसरे पर निर्भर रहेगा उसका विकास उतना ही कमजोर होगा। भारत अब दूसरे देशों पर निर्भर रहने के लिए तैयार नहीं है।’
इसके बाद, प्रधानमंत्री ने राजस्थान के बांसवाड़ा में अक्षय ऊर्जा, जलापूर्ति, बिजली, सड़क और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में केंद्र एवं राज्य सरकार की 1,22,100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया। इनमें माही बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना भी शामिल है। 2,800 मेगावॉट क्षमता वाली इस परियोजना की कुल लागत 42,000 करोड़ रुपये है।