क्रेडिट रिसर्च फर्म ट्रांसयूनियन सिबिल ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि अपने स्वयं के व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण लेने वाली महिला कर्जदारों की संख्या पिछले तीन वर्षों में तीन गुना से ज्यादा बढ़ी है। इसमें कहा गया है कि महिला कर्जदारों की संख्या पुरुषों के 11 प्रतिशत मुकाबले समान अवधि में 15 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ी।
ट्रांसयूनियन सिबिल की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमारे कई ताजा विश्लेषणों से पूरे देश के ग्रामीण एवं अर्द्ध-शहरी इलाकों में महिलाओं द्वारा लिए गए ऋण में तेज वृद्धि का पता चला है। महिला कर्जदारों की भागीदारी जहां वर्ष 2017 में 25 प्रतिशत थी, वहीं 2022 में यह बढ़कर 28 प्रतिशत हो गई।’
हालांकि रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि करीब 45.4 करोड़ युवा महिलाओं में से सिर्फ 6.3 करोड़ ही सक्रिय तौर पर कर्जदार थीं। इसमें कहा गया है कि महिलाओं के लिए ऋण पहुंच (कुल युवा आबादी को दिए जाने वाले ऋण के प्रतिशत) 2017 के 7 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 14 प्रतिशत रही।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इस आंकड़े में पूरे भारत में महिलाओं को ऋण तक पहुंच मुहैया कराने के लिए ऋणदाताओं को व्यापक संभावनाओं पर जोर दिया गया है।’