कोरोना संकट के चलते तीन साल के कमजोर सीजन के बाद इस बार छुट्टियों में उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों से लेकर वन्य जीव विहारों में जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। क्रिसमस और नए साल का स्वागत करने वाले पर्यटकों की आमद और बुकिंग के चलते प्रदेश के ज्यादातर स्थानों पर होटल-मोटल और गेस्ट हाउस भर चुके हैं। लंबे समय के बाद ट्रैवल से लेकर टैक्सी कारोबारियों को अच्छा धंधा मिल रहा है।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण और राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत होने के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक वाराणसी और अयोध्या की ओर रुख कर रहे हैं। नए साल पर मथुरा में बांके बिहारी मंदिर का दर्शन करने वालों की भीड़ अभी से उमड़ने लगी है। हाल ही में वहां हुए हादसे के बाद भीड़ के अंदेशे को देखते हुए एडवांस में एडवाइजरी जारी करते हुए बच्चों, बुजुर्गों व बीमारों को न लाने की सलाह दी जा रही है। वाराणसी में हाल ही में संपन्न हुए सफल तमिल समागम के बाद बड़ी तादाद में दक्षिण भारतीय पर्यटकों की आमद हो रही है। वहीं अयोध्या में भी देश-विदेश के श्रद्धालुओं का आगमन बढ़ने लगा है।
वाराणसी के होटल कारोबारियों का कहना है कि दीवाली के बाद से ही नए साल के लिए बुकिंग का सिलसिला शुरू हो गया था। क्रिसमस आते-आते वाराणसी में होटलों में जगह मिलना मुश्किल है। होटल व्यवसायी अजय त्रिवेदी बताते हैं कि न केवल वाराणसी बल्कि आसपास के दर्शनीय स्थलों जैसे सारनाथ, विंध्याचल मिर्जापुर और सोनभद्र में भी बुकिंग जोरो पर है। उनका कहना है कि नए साल की पूर्व संध्या व वाराणसी में कहीं भी होटल खाली नहीं रहेंगे। वहीं अयोध्या के मुकेश श्रीवास्तव के मुताबिक शहर में पर्यटकों की भीड़ को देखते हुए उतनी तादाद में होटल नहीं है। उनका कहना है कि प्रीमियम वर्ग के पर्यटक व विदेशी तो अयोध्या की जगह राजधानी लखनऊ में रुक रहे हैं और वहां से आएंगे। हालांकि उनका कहना है इससे टैक्सी संचालकों का धंधा बढ़ेगा।
आगरा के होटल कारोबारी अनुराग का कहना है कि बीते साल भी धंधा ठीक ही रहा था पर इस साल जैसी बात नहीं थी। इस साल तो अभी से कमरे मिलना मुश्किल है और विदेशी पर्यटकों की जबरदस्त आमद हो रही है। उनका कहना है कि देशी पर्यटक नए साल में आगरा से ज्यादा मथुरा का रुख कर रहे हैं। मथुरा में नए साल की पूर्व संध्या के लिए आश्रमों व धर्मशालाओं में भी जगह मिलना मुश्किल हो जाएगा।
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बुंदेलखंड में पर्यटकों की सबसे ज्यादा भीड़ नए साल के मौके पर झांसी में होने की संभावना है जहां पर अभी से होटलों के लिए मारामारी शुरू हो गई है। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि श्रावस्ती, कुशीनगर से लेकर गोरखपुर सभी जगहों पर भारी भीड़ अभी से उमड़ने लगी है।
धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व की जगहों के अलावा प्रदेश में वन्य जीव विहारों को लेकर जबरदस्त क्रेज दिख रहा है। प्रदेश के सबसे बड़े और अब तक के इकलौते दुधवा नेशनल पार्क में वन विभाग के गेस्ट हाउस से लेकर होटल व रिसोर्ट भर चुके हैं। वहीं पड़ोस के किशनगंज, पीलीभीत व अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के लिए भी भारी बुकिंग का दबाव है। पीलीभीत के चूका द्वीप के लिए तो अगले 15 दिनों के लिए कोई भी जगह खाली नहीं बची है। कतर्नियाघाट टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की आमद का सिलसिला दिसंबर शुरू होते ही शुरू हो गया था और क्रिसमस व नए साल में यहां पूरी तरह से बुकिंग भर गई है।