गर्मियां आ चुकी हैं और यात्रा के शौकीन लोग अपने बैग बांधने लगे हैं। वे ऐसी जगहों की ओर निकलना पसंद कर रहे हैं जहां उन्हें चिलचिलाती गर्मी से निजात मिले। इसके लिए वे पहाड़ी और तटीय पर्यटन स्थलों के साथ-साथ ऐसे मुल्कों का रुख कर रहे हैं, जिनमें भारतीयों के लिए वीजा-मुक्त आवाजाही की सुविधा है।
थॉमस कुक के अनुसार यात्रा के दीवानों के लिए कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पूर्वोत्तर के राज्य और दूर दक्षिण में केरल के तट स्थानीय पसंदीदा पर्यटन स्थलों की सूची में सबसे ऊपर हैं। वहीं एसओटीसी ट्रैवल का कहना है कि यूरोप में स्विट्जरलैंड, इटली, फ्रांस, स्पेन, हंगरी, ऑस्ट्रिया और चेक गणराज्य जैसी जगहें शीर्ष अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्रों में शुमार हैं।
थॉमस कुक इंडिया के अध्यक्ष और कंट्री हेड (हॉलिडे, एमआईसीई एवं वीजा) राजीव काले ने कहा कि भारतीय पर्यटक विदेश में ऐसी डेस्टिनेशन पर अधिक जाना पसंद कर रहे हैं जहां के लिए वीजा मुक्त आवागमन है। इनमें नेपाल, भूटान, थाईलैंड, मालदीव और मॉरीशस जैसी कुछ ऐसी जगहें हैं, जहां गर्मी के सीजन में पर्यटकों का तांता लगा रहता है। क्योंकि इनमें आने-जाने की प्रक्रिया बेहद आसान है। एसओटीसी ट्रैवल के प्रेसिडेंट और कंट्री हेड (हॉलिडे एवं कॉरपोरेट टूर) एसडी नंदकुमार ने बताया, ‘जिन जगहों पर बिना वीजा जा सकते हैं, वहां पर्यटकों को कुछ अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं, जो काफी आकर्षण का केंद्र होती हैं। जैसे थाईलैंड में पेशेवर कलाकार से मुई थाई (किक बॉक्सिंग की एक कला) सीख सकते हैं। वहीं मॉरीशस में स्नॉर्कलिंग यानी गोताखोरी या मालदीव में मिशेलिन स्टार अंडरवाटर डाइनिंग अर्थात समुद्र के बीचो-बीच बैठ लजीज खाने का लुत्फ भी उठा सकते हैं।’
काले यह भी कहते हैं कि पर्यटकों को अब घटना आधारित डेस्टिनेशन या नए-नए अनुभव देने वाली जगहें अधिक लुभा रही हैं। जैसे आजकल पर्यटक अंटार्कटिका के आइसब्रेकर क्रूज पर दूर निकलना चाहते हैं तो कुछ फिनलैंड और मरमंस्क में उत्तरी लाइट्स देखना पसंद करते हैं। यही नहीं, कांच के गुंबद वाले इग्लू, आर्कटिक सूइट्स और आर्कटिक ट्रीहाउस में ठहरने की भी उनकी बड़ी चाहत होती है। उन्होंने बताया कि इन सबसे अलग कंवर्टिबिल्स या
हार्ली-डेविडसंस को खुद चलाकर दक्षिण अफ्रीका के अंगूर के बागानों में दूर-दूर तक घूमना भी आजकल खूब लोकप्रिय हो रहा है। इसी समय शादियां, पर्यटन, गर्मी की छुट्टियां और कॉरपोरेट बैठकों की व्यस्तता के चलते देश भर में होटल आदि में कमरों की मांग और किराया दोनों बढ़ गया है। फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन इन इंडियन टूरिज्म ऐंड हॉस्पिटैलिटी के महासचिव राजीव मेहरा ने कहा कि लग्जरी, मध्यम स्तर और बजट सेग्मेंट में होटल कमरों की दरों में पिछले साल के मुकाबले 10 से 12 प्रतिशत तक वृद्धि हो चुकी है। ईजमाईट्रिप के सह-संस्थापक एवं सीईओ रिकांत पिट्टी ने कहा, ‘ दिल्ली और मुंबई में लक्जरी एवं महंगे होटलों के कमरों की दरें 6 से 10 प्रतिशत तथा बेंगलूरु में 15 प्रतिशत तक की वृद्धि होने की संभावना है।’
मैरियट इंटरनैशनल की वाइस प्रेसिडेंट (बिक्री एवं वितरण- दक्षिण एशिया) मोनिशा दीवान कहती हैं, ‘गर्मी के सीजन में हिल स्टेशन हमेशा की तरह पहली पसंद बने हुए हैं। मसूरी और ऋषिकेश में हमारे होटल पर्यटकों की मांग पूरी करने के लिए अपनी तैयारी में जुटे हैं।’
दीवान कहती हैं, ‘महाबलेश्वर एवं कुर्ग जैसे कम लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी अब पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। इससे यह भी पता चलता है कि यात्रा के शौकीन लोग सिर्फ दर्शनीय स्थलों को देखना ही पसंद नहीं कर रहे, उन्हें दिमागी सुकून, आराम एवं साफ-सुथरी हवा भी चाहिए।’ वह कहती हैं कि आने वाले मई में शादियों का सीजन शुरू होने पर देशभर में होटलों के राजस्व को बढ़ाने में खासी मदद करेगा। मैरियट इंटरनैशनल में भी अप्रैल से जून के दौरान होटल रूम रेट बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। मैरियट इंटरनैशनल की तरह ही आईटीसी होटल्स के मुताबिक उदयपुर, जयपुर और हिमाचल प्रदेश के अपने प्रमुख होटलों में कमरों की मांग में बढ़ोतरी हो रही है। शानदार लुभावने मौसम की वजह से महाबलीपुरम के बीच भी पर्यटकों को खींच रहे हैं।
कामत होटल्स के कार्यकारी निदेशक विशाल कामत ने कहा कि पिछली गर्मियों दौरान चुनावों के कारण होटल कमरों की बुकिंग प्रभावित हुई थी लेकिन इस बार सीजन में मांग काफी बढ़ गई है। उनके यहां भी होटल कमरों का किराया 8 से 12 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।