facebookmetapixel
सरकार ने नोटिफाई किए डिजिटल निजी डेटा संरक्षण नियम, कंपनियों को मिली 18 महीने की डेडलाइनबिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA 200 के पार, महागठबंधन की करारी हारबिहार की करारी हार से राजद-कांग्रेस के समक्ष अस्तित्व का संकट, मोदी बोले- पार्टी अब टूट की ओरबिहार में NDA की प्रचंड जीत से बैकफुट पर विपक्ष, चुनाव आयोग पर उठाए सवालNDA की जीत में पासवान, मांझी गठबंधन ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी: 10 बिंदुओं में बिहार चुनाव नतीजों के निष्कर्षबिहार में बंपर जीत के बाद बोले PM मोदी: पश्चिम बंगाल से भी ‘जंगलराज’ को उखाड़ फेंकेंगेबिहार में नीतीश–मोदी फैक्टर की धमक: भाजपा की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा की राह में अब नहीं कोई बाधाबिहार चुनाव 2025: जदयू और भाजपा ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी, AIMIM को झटकाNDA के वादे और वित्तीय सीमाएं: ‘विकसित बिहार’ का सपना कितना संभव?सेबी 17 दिसंबर की बैठक में करेगा हितों के टकराव और खुलासा नियमों की सिफारिशों पर विचार

सबसे ज्यादा उत्पादों को GI टैग मिलने के मामले में 2022-23 में शीर्ष पर रहा केरल

Last Updated- April 05, 2023 | 1:05 PM IST
GI tag

देश में 2022-23 के दौरान सबसे अधिक संख्या में उत्पादों के लिए भौगोलिक संकेतक (जीआई) का दर्जा पाने वाले राज्यों में शीर्ष पर केरल रहा है। जीआई रजिस्ट्री के बुधवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

रजिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक अट्टापडी अटुकोम्बु अवारा, अट्टापडी थुवारा, ओनाटुकारा एलु, कंथलूर-वट्टवडा वेलुथुल्ली और कोडुंगलूर पोट्टुवेलारी को जीआई दर्जा दिया गया है।

केरल के इन छह उत्पादों के अलावा बिहार के मिथिला मखाना, महाराष्ट्र में अलीबाग के सफेद प्याज, तंदूर लाल चना, लद्दाख की रक्तसे कारपो खुबानी, असम के गमोसा (गमछा) को भी जीआई दर्जा दिया गया है।

जीआई दर्जा मुख्य रूप से एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र में तैयार होने वाले किसी कृषि, प्राकृतिक या विनिर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) को दिया जाता है। इनके अलावा स्थानीय स्तर पर बनाई जाने वाली स्पेन की ब्रांडी डे जेरेज और इटली के प्रोवोलोन वालपादान (एक प्रकार का चीज़/पनीर) को भी यह सम्मान मिला है।

इससे पहले, 2021-22 में घरेलू और विदेशी बाजारों से 50 उत्पादों को जीआई टैग दिया गया था जिनमें सर्वाधिक सात उत्पाद उत्तर प्रदेश से थे।

First Published - April 5, 2023 | 1:00 PM IST

संबंधित पोस्ट