Reservation for Agniveers: हरियाणा सरकार ने बुधवार को विशेष नौकरियों में अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि यह आरक्षण हरियाणा में कांस्टेबल, माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन और विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) की सीधी भर्ती पर लागू होगा।
इस आरक्षण में कांस्टेबल, माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन और SPO के पदों के लिए 10 प्रतिशत कोटा शामिल है, साथ ही ग्रुप बी और सी (Group B and C) नौकरियों के लिए तीन साल की आयु छूट (three-year age waiver) और पहले बैच के अग्निवीरों के लिए पांच साल की छूट भी शामिल है। इसके अलावा, ग्रुप सी सिविल पदों (Group C civil posts) के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण और ग्रुप बी नौकरियों (Group B jobs) के लिए 1 प्रतिशत आरक्षण होगा।
वे औद्योगिक इकाइयां (Industries) जो अग्निवीरों को 30,000 रुपये प्रति माह से अधिक वेतन देंगी, उन्हें राज्य से प्रति वर्ष 60,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा, अग्निवीर अगर बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो वे 5 लाख रुपये का लोन लेने के लिए भी पात्र (eligible) होंगे।
सैनी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 में शुरू की गई अग्निपथ योजना (Agnipath scheme) का उद्देश्य युवाओं को लाभान्वित करना है। उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने सेना में अपने चार साल पूरे करने के बाद इन युवाओं (अग्निवीरों) के लिए कोटा आवंटित करने का निर्णय लिया है।’
यह घोषणा अग्निपथ योजना को लेकर जारी विवाद के बीच आई है। कांग्रेस पार्टी ने इस योजना की आलोचना करते हुए इसे ‘यूज-एंड-थ्रो लेबर्स’ के रूप में बताया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अग्निपथ भर्ती योजना 158 संगठनों के इनपुट और गहन विचार-विमर्श के बाद विकसित की गई थी।
कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने जून में इस योजना के खिलाफ आवाज उठाई थी, उन्होंने कहा कि यह योजना युवाओं या देश के लिए लाभकारी नहीं है और उन्होंने इसे खत्म कर स्थायी भर्ती की मांग की थी।
हुड्डा ने कहा कि पहले हर साल हरियाणा में लगभग 5,500 युवाओं को सेना में स्थायी रूप से भर्ती किया जाता था, लेकिन अब केवल 900 अग्निवीरों को भर्ती किया जा रहा है, जिनमें से केवल लगभग 225 को स्थायी पद मिलने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने आज अग्निवीर भाइयों के कल्याण के लिए अनेक घोषणाएं की pic.twitter.com/2rXf5yOZyn
— CMO Haryana (@cmohry) July 17, 2024
मौजूदा समय में, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) अपने कांस्टेबल पदों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण अग्निवीरों के लिए सुरक्षित रखता है और उम्र तथा शारीरिक दक्षता परीक्षण (Physical Efficiency Test) में छूट प्रदान करता है।
जून में संसद में इस योजना को लेकर राजनीतिक बहस हुई, जिसमें कांग्रेस सदस्य राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की। गांधी ने कहा कि इंडिया ब्लॉक (INDIA Bloc) यह सुनिश्चित करेगा कि सेना की ताकत बनी रहे और यह मुद्दा चर्चा में बना रहे।
राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निवीर योजना और मृतक अग्निवीरों के परिवारों के लिए मुआवजे के बारे में संसद में झूठ बोला और सिंह से माफी की मांग की।
जवाब में, भारतीय सेना के अतिरिक्त जनरल ऑफ पब्लिक इंफॉर्मेशन (ADGPI) ने स्पष्ट किया कि ड्यूटी के दौरान शहीद हुए अग्निवीर अजय कुमार और उनके परिवार को 98.39 लाख रुपये का भुगतान किया गया है, और अंतिम खाता निपटान (final account settlement) और पुलिस सत्यापन (police verification) के बाद 67 लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया जाएगा।
अग्निपथ योजना के तहत 17 साल से अधिक और 23 साल से कम उम्र के युवाओं को सेना में चार साल के लिए भर्ती किए जाने का प्रावधान है। चार साल पूरे होने पर इनमें 25 फीसदी को अगले 15 वर्षों के लिए स्थायी नौकरी पर रखा जाएगा और शेष को घर भेज दिया जाएगा यानी उनकी सेवा समाप्त हो जाएगी।