Bird Flu: आंध्र प्रदेश में बर्ड फ्लू (Bird Flu) का मामले सामने आने के बाद मुर्गी पालकों के बीच में दहशत का माहौल है। इस बीच, बीमारी को देखते हुए बिहार सरकार पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (Animal & Fisheries Resources Department, Bihar) ने मुर्गी पालकों के लिए एडवाइजरी जारी की है।
कैसे फैलता है संक्रमण?
बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) को H5N1 के नाम से भी जाना जाता है। यह वायरल संक्रमण न केवल पक्षियों में होता है बल्कि मनुष्यों और अन्य जंगली जानवरों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्रभावित क्षेत्र में इस वायरस का तेजी के साथ बढ़ने का खतरा रहता है। खासतौर पर, यह घरेलू मुर्गीपालन वाले स्थानों पर तेजी से फैलता है। मनुष्यों में यह संक्रमण, रोग संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव या मुंह या आंखों से निकलने वाले स्राव के संपर्क में आने से फैलता है।
इसके अलावा, कम पके मांस खाने के कारण भी इस बीमारी के फैलने का खतरा रहता है। हालांकि, ऐसे मामले कम देखने को मिले हैं।
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में बढ़ते बर्ड फ्लू के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को संक्रमण से बचने के लिए बचाव के उपाए करते रहने की सलाह देते हैं।
ये होते हैं बर्ड फ्लू के लक्षण
बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अनुसार, मुनष्य खासकर बच्चे, अगर किसी संक्रमित पक्षी के म्यूकस या बीट और पंखों के संपर्क में आ जाएं तो उनमें बर्ड फ्लू होने का डर रहता है। मनुष्यों में बर्ड फ्लू के लक्षण साधारण फ्लू से मिलते-जुलते होते है।
बर्ड फ्लू के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं-
अगर इनमें से आपकों कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को इसकी सूचना दें। हालांकि, बर्ड फ्लू का वायरस 70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर खत्म हो जाता है। अगर किसी जगह पर बर्ड फ्लू रोग की पुष्टि हुई हो तो वहां भी अंडे या चिकन 70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर पकाकर खाने में कोई नुकसान नहींहोता है। इसलिए लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं, बल्कि सावधानी बरतने के लिए कहा है।
इन बातों का रखें खास ख्याल