संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कहा कि भारत में माइक्रॉन टेक्नोलॉजिज (Micron Technologies) के पहले चिप उत्पादन प्लांट की नींव अगले 40-45 दिन में रख दी जाएगी।
एक कार्यक्रम के दौरान वैष्णव ने कहा कि गुजरात में लगने वाले इस सेमीकंडक्टर प्लांट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिकी यात्रा के दौरान हुई घोषणा के महज दो हफ्ते के भीतर मंजूरी दे दी गई है। 82.5 करोड़ डॉलर के निवेश वाले कारखाने के लिए जमीन भी आवंटित कर दी गई है।
वैष्णव ने कहा कि सेमीकंडक्टर टूल बनाने वाली अप्लाईड मटीरियल्स के 40 करोड़ डॉलर के इंजीनियरिंग सेंटर का शिलान्यास समारोह भी जल्द ही होगा। उसके लिए बेंगलूरु के समीप जगह तैयार की जा रही है।
इस योजना का उद्देश्य डिस्प्ले फैब्स असेंबली एवं परीक्षण इकाइयां स्थापित करते हुए भारत को सेमीकंडक्टर उत्पादन का अड्डा बनाना है। देश के करीब 310 कॉलेजों के पाठ्यक्रम में सेमीकंडक्टर को पहले ही शामिल किया जा चुका है।
5जी के बारे में मंत्री ने केहा कि भारत में हर मिनट एक नया 5जी टावर चालू हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश भर में 2.7 लाख 5जी बेस स्टेशन (BTS) अथवा 5जी रेडियो स्थापित किए जा रहे हैं। BTS किसी भी मोबाइल नेटवर्क में काम करने वाला रेडियो ट्रांसरिसीवर है। आम तौर पर इसे मोबाइल टावर पर लगाया जाता है।
वैष्णव ने कहा कि भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में BTS की कुल संख्या 25 लाख तक पहुंच चुकी है जो 2014 में महज 6.25 लाख थी। इस दौरान भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की कुल संख्या भी 25 करोड़ से बढ़कर 85-90 करोड़ तक पहुंच चुकी है। भारत ने दूरसंचार क्षेत्र में 24 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया है।
सरकार ने सेमीकंडक्टर PLI योजना के तहत 5 डिजाइन कंपनियों को बीमफॉर्मिंग चिप बनाने की मंजूरी दी है, जिनमें से 2 दूरसंचार और उपग्रह संचार के क्षेत्र में काम करेंगी। वैष्णव ने कहा, ‘उम्मीद है कि अगले 2 साल में हमारे पास भारत में डिजाइन किया और बनाया कम से कम 1 चिपसेट आ जाएगा।’
मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत ने 12 देशों को दूरसंचार प्रौद्योगिकी का निर्यात शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि दूरसंचार एवं नेटवर्किंग उत्पादों के लिए डिजाइन आधारित प्रदर्शन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत चयनित 42 कंपनियां दूरसंचार विनिर्माण में 1,600 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि ये कंपनियां विनिर्माण बेंचमार्क को पहले ही पार कर चुकी हैं और अब विकसित बाजारों को निर्यात शुरू कर रही हैं।
मंत्री ने कहा कि भारत के 99 फीसदी हिस्से में 4जी तकनीक पहुंच चुकी है और जल्द ही यह 100 फीसदी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों तक मोबाइल कवरेज के विस्तार के लिए 38,000 करोड़ रुपये के सरकारी अनुदान से इसकी रफ्तार बढ़ी है।
वैष्णव ने कहा कि सरकार दूरसंचार क्षेत्र में अगले चरण के सुधार के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके तहत उपयोगकर्ताओं को मिलने वाले अनुभव पर ध्यान दिया जा रहा है। अभी तक उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा पर ध्यान दिया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अगले कुछ सप्ताह में घोषणा की जाएगी।
सरकार के ग्रामीण ब्रॉडबैंड कार्यक्रम के तहत करीब 1.5 लाख भारतनेट कनेक्शन दिए जा रहे हैं। भारत संचार निगम (BSNL) के शानदार कार्यों से इसमें मदद मिली है। उन्होंने कहा कि कंपनी धीरे-धीरे अपने पांव पर खड़ी हो रही है। वैष्णव ने कहा, ‘वे अब मुनाफे में भी आ रहे हैं। यह हमारी सरकार और प्रधानमंत्री का बड़ा संकल्प है। प्रधानमंत्री और सरकार बीएसएनएल के पीछे चट्टान की तरह खड़े हैं।’
पिछले महीने सरकार ने BSNL के लिए कुल 89,047 करोड़ रुपये के तीसरे पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी थी। इससे इस सरकारी दूरसंचार कंपनी को अपनी 4जी एवं 5जी सेवाओं की पेशकश में मदद मिलेगी।
भारत 6G गठजोड़ का उद्घाटन
वैष्णव ने कहा कि भारत को वर्ष 2030 तक वैश्विक 6जी पेटेंट में 10 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखना चाहिए। उन्होंने ‘भारत 6जी’ गठजोड़ के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि भारत अब दूरसंचार प्रौद्योगिकी का निर्यातक बन चुका है और इसके पास पहले से ही 6जी प्रौद्योगिकी से जुड़े करीब 200 पेटेंट हो चुके हैं।
भारत ने पहली बार 5जी प्रौद्योगिकी के विकास कार्यक्रमों में अपना योगदान दिया है और हाल ही में अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) ने भारत को 6जी ढांचे में भी शामिल किया है। इस दिशा में जारी प्रयासों को गति देने के लिए ‘भारत 6जी’ गठजोड़ का मंच तैयार किया गया है।