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Food Inflation: रिकॉर्ड गर्मी पड़ी तो सब्जियों की कीमतें भी चढ़ी

Food Inflation: हालांकि पिछले साल की तुलना में सप्ताह के हिसाब से कीमतों में कुछ कमी आई है, लेकिन ज्यादातर सब्जियों की कीमत में तेज बढ़ोतरी हुई है।

Last Updated- May 28, 2024 | 11:02 PM IST
Vegetables from Pilibhit

देश में जारी लोक सभा चुनाव में खाद्य महंगाई चर्चा का विषय बनकर उभरी है। देश के कुछ इलाकों में प्रतिकूल मौसम के साथ लंबे समय तक जारी लू और मॉनसून के बाद कम बारिश के कारण 2024 में प्रमुख सब्जियों की आपूर्ति बाधित हुई है।

हालांकि पिछले साल की तुलना में सप्ताह के हिसाब से कीमतों में कुछ कमी आई है, लेकिन ज्यादातर सब्जियों की कीमत में तेज बढ़ोतरी हुई है। सब्जियों में कीमत में मार्च 2024 के बाद से हुई बढ़ोतरी में आलू की कीमत में तेजी उल्लेखनीय है।

कारोबारियों का कहना है कि कुछ फसलें खराब होने के कारण उत्पादन कम हुआ है। साथ ही भंडारण की लागत और ढुलाई की लागत भी बढ़ी है। इसकी वजह से इस समय आलू की कीमत बढ़ रही है। सब्जियों की कीमत अधिक होने के कारण आने वाले महीनों में खाद्य महंगाई बढ़ी हुई रह सकती है।

क्वांटइको रिसर्च ने एक नोट में लिखा है, ‘गुजरात और राजस्थान जैसे कुछ इलाकों में 9 से 12 दिन तक लू के झोंके चले हैं, जो सामान्य से ऊपर है। पिछले कुछ सप्ताह में देश के कई इलाकों में लू का असर पड़ा है। इसकी वजह से सब्जियों, फल, दूध, दलहन व अन्य खाद्य पदार्थों की कीमत पर दबाव पड़ा है।

हालांकि मई 2024 में लू के कारण कीमतों पर पड़ने वाला दबाव पिछले वर्षों की तुलना में औसतन कम है। हमारा अनुमान है कि लू की गंभीरता के कारण खराब होने वाली वस्तुओं की महंगाई दर 200 आधार अंक तक और खुदरा मूल्य पर आधारित महंगाई दर 25 से 30 आधार अंक तक बढ़ सकती है।’

आगे चलकर दक्षिण पश्चिमी मॉनसून यह तय करेगा कि आने वाले महीनों में सब्जियों की कीमत कितनी रहेगी। अगर शुरुआती मॉनसून बेहतर रहता है तो इससे आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी और कीमत कम होगी, लेकिन अगर लंबे समय तक सूखे की स्थिति बनी रहती है तो फसलें खराब होने के कारण सब्जियों की कीमत बढ़ेगी। भारत के मामले में यह बिल्कुल सही है क्योंकि ताजे फलों व सब्जियों के लिए यहां भंडारण व ढुलाई संबंधी बुनियादी ढांचा उत्पादन की तुलना में अपर्याप्त है।

काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरमेंट ऐंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) के सीनियर प्रोग्राम लीड डॉ विश्वास चिताले ने एक नोट में सुझाव दिया है कि लू को लेकर तैयारी करनी होगी, जिससे इसके असर को कम किया जा सके।

First Published - May 28, 2024 | 11:02 PM IST

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