अदाणी, मणिपुर, संभल, प्रदूषण जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग करने वाले विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण संसद में शुक्रवार को भी कोई कामकाज नहीं हुआ। इस तरह शीतकालीन सत्र का पहला सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ गया। सत्र की शुरुआत 25 नवंबर को हुई थी और पहले सप्ताह दोनों सदनों में गतिरोध कायम रहने से कोई महत्त्वपूर्ण विधायी काम संपन्न नहीं हो पाया। एक भी दिन न तो शून्यकाल हुआ और ना ही प्रश्नकाल चल सका।
पिछले दो दिन की तरह शक्रवार को भी लोक सभा की कार्यवाही आरंभ होने पर जैसे ही लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस सदस्य अदाणी समूह से जुड़े मामले को उठा रहे थे, वहीं सपा सांसद संभल हिंसा का मुद्दा उठाने लगे। लोक सभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की। हंगामे के बीच ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
बिरला के बार-बार अपील करने के बाद भी आसन के समीप खड़े कांग्रेस और सपा सांसदों की नारेबाजी जारी रही। हंगामा नहीं थमने पर लोक सभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न करीब 11 बजकर 10 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे निचले सदन की बैठक दोबारा शुरू हुई तो विपक्षी सदस्य फिर आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। शोरशराबा जारी रहने पर पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने दोपहर करीब 12 बजकर 10 मिनट पर सदन की बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
उधर, राज्य सभा में सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर नियम 267 के तहत चर्चा के लिए कुल 17 नोटिस मिले हैं, लेकिन वह इन्हें स्वीकार करने की स्थिति में नहीं हैं। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, रंजीत रंजन, अनिल कुमार यादव, दिग्विजय सिंह, विवेक तन्खा, रजनी पाटिल, जेबी माथेर हिशाम, अखिलेश प्रताप सिंह और सैयद नासिर हुसैन ने अदाणी समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और वित्तीय अनियमितताओं सहित अन्य कदाचारों के आरोपों के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए थे।
समाजवादी पार्टी के रामजी लाल सुमन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जॉन ब्रिटास और ए ए रहीम सहित कुछ अन्य सदस्यों ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए थे, जबकि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरूचि शिवा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के पी संदोष कुमार सहित कुछ अन्य सदस्यों ने मणिपुर में जारी हिंसा के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए।
धनखड़ ने बताया कि आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने दिल्ली में अपराध के बढ़ते मामलों पर चर्चा के लिए नोटिस दिया, जबकि उन्हीं की पार्टी के राघव चड्ढा ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था।