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Farmers Protest: संयुक्त किसान मोर्चा ने बनाई 6 लोगों की समिति, 23 फरवरी को मनाएंगे काला दिवस

Farmers Protest: संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा पंजाब-हरियाणा सीमा पर 'दिल्ली कूच' आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।

Last Updated- February 22, 2024 | 11:21 PM IST
why farmers are protesting again, किसान फिर आंदोलन क्यों कर रहे हैं,

हरियाणा-पंजाब सीमा से दिल्ली की तरफ बढ़ने की कोशिश के दौरान पुलिस के साथ झड़प में प्रदर्शनकारी युवक की मौत के बाद किसान अपने आंदोलन को नई धार देने में जुट गए हैं। एसकेएम ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) समेत सभी किसान संगठनों से तालमेल बनाने के लिए छह लोगों की समिति बनाई है। जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक और किसानों की मजबूत आवाज अवीक साहा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि किसानों को एकजुट करने और किससे-कब बात करनी है, यह फैसला यह छह सदस्यीय पैनल ही लेगा। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा पंजाब-हरियाणा सीमा पर ‘दिल्ली कूच’ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।

किसान संगठनों ने बुधवार को प्रदर्शनकारी युवक की मौत के विरोध में शुक्रवार को देशभर में काला दिवस मनाने का ऐलान किया है। इस दौरान प्रदर्शन कर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, मंत्री अनिल विज के पुतले जलाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने गुरुवार को बैठक के बाद प्रदर्शनकारी की मौत के लिए खट्टर और अनिल विज को जिम्मेदार बताया और इनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की।

एसकेएम ने कहा कि मांगें पूरी नहीं होने पर किसान 26 फरवरी को ट्रैक्टर रैली निकालेंगे और 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में अखिल भारतीय किसान मजदूर महापंचायत कर आगे की रणनीति तय करेंगे। एसकेएम ने ही 2020-21 में तीन कृषि कानूनों की वापसी के लिए दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय तक चले किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था, लेकिन इस बार वह किसानों के आंदोलन का हिस्सा नहीं है, लेकिन उसने दिल्ली कूच आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।

हरियाणा और पंजाब सीमा पर बुधवार को दिल्ली की तरफ बढ़ने की कोशिश में पुलिस के साथ संघर्ष में बठिंडा के 21 वर्षीय युवक शुभकरण की मौत हो गई थी। एसकेएम ने हरियाणा-पंजाब की खनौरी और शंभू सीमाओं पर िस्थति की समीक्षा के लिए गुरुवार को बैठक आयोजित की, जहां हजारों किसान दिल्ली कूच के इंतजार में डेरा डाले हुए हैं।

एसकेएम नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने पत्रकारों को बताया कि युवक की मौत हत्या का मामला है और खट्टर एवं विज के खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए। दोनों को अपने पदों से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से मामले की न्यायिक जांच और पीडि़त परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की।

भारतीय किसान यूनियन (उग्राहन) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहन ने खनौरी और शुभू सीमा पर हरियाणा पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा की। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 26 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि मारे गए किसान पर 15-16 लाख रुपये का कर्ज था, उसका कर्ज सरकार माफ करे।

एसकेएम ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) से तालमेल बनाने के लिए राजेवाल, उग्राहन, दर्शनपाल समेत छह लोगों की समिति बनाई है, ताकि एकजुट होकर आंदोलन को आगे बढ़ाया जा सके।

हरियाणा-पंजाब सीमा पर आंदोलन में शामिल होने के सवाल पर एसकेएम नेताओं ने कहा कि उनका आंदोलन स्वतंत्र रूप से चल रहा है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि पंजाब सरकार को राज्य के क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद किसानों की 25-30 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को कथित तौर पर नुकसान पहुंचाने के लिए हरियाणा अर्धसैनिक बल के जवानों के खिलाफ कार्रवाई भी करनी चाहिए।

पंढेर ने पटियाला में संवाददाताओं से कहा कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों पर पंजाब क्षेत्र में प्रवेश करने और खनौरी बॉर्डर पर किसानों के खिलाफ बल प्रयोग करने के आरोप में मामला दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि पंजाब सरकार इस घटना के सिलसिले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज करे।’

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने मांग की कि पंजाब सरकार शुभकरण को शहीद का दर्जा दे। इस बीच, कांग्रेस ने कहा कि सरकार को किसानों से जुड़े उन मुद्दों पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए जिनकी वजह से किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों को ‘बुलेट की गारंटी’ दे रहे हैं। किसानों के खिलाफ आंसू गैस के गोले दागना और गोली चलाना अन्याय की पराकाष्ठा है।’

First Published - February 22, 2024 | 11:21 PM IST

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