मौसम विभाग ने मंगलवार को कहा कि बेहतरीन मॉनसून सीजन के बाद मॉनसून के बाद के महीनों में भी देश भर में अच्छी बारिश हुई है। अक्टूबर की बारिश दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 115 प्रतिशत होगी। अक्टूबर में देश में कुल करीब 75.4 मिलीमीटर बारिश हुई है।
भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप यानी तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल और कर्नाटक के दक्षिणी इलाकों में बेहतर उत्तर पूर्वी मॉनसूनी बारिश हुई और यह दीर्घावधि औसत का 112 प्रतिशत रही। अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक के महीनों में दक्षिण भारत में बारिश का दीर्घावधि औसत 334.13 मिलीमीटर है।
2024 के मॉनसून का लेखा जोखा और मॉनसून के बाद के महीनों के अनुमान जारी करते हुए मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि ला नीना के दबाव के कारण जाड़े के मौसम में अच्छी बारिश हो सकती है, लेकिन इसकी गंभीरता का पता बाद में ही चलेगा। उन्होंने कहा कि अक्टूबर से दिसंबर के दौरान मध्य भारत, दक्षिणी प्रायद्वीप और पूर्वोत्तर भारत के कुछ इलाकों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है।
उत्तर पश्चिमी भारत के ज्यादातर इलाकों और उत्तर पूर्व भारत के कुछ इलाकों सहित भारत के दक्षिणी इलाकों में सामान्य से लेकर सामान्य से कम बारिश की संभावना है। बेहतर मॉनसून सत्र के बाद मॉनसून के बाद की बेहतरीन बारिश से कृषि की उपज बढ़ने और रबी की बोआई में तेजी की संभावना है।
महापात्र ने कहा कि हाल में समाप्त मॉनसून सत्र में सामान्य से करीब 8 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। उन्होंने कहा कि कम दबाव की स्थिति और गहरे दबाव की ज्यादा संख्या के कारण इस साल मॉनसून बेहतर रहा।
किसानों की छोटी समस्याएं सुलझाने से उनकी आय में होगा 20 प्रतिशत इजाफा
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि किसानों की छोटी-छोटी समस्याओं को सुलझाने से उनकी आय में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। चौहान ने 24 सितंबर को शुरू हुई अपनी ‘सीधा संवाद’ पहल के तहत भारतीय किसान संघ (स्वतंत्र) के सदस्यों से मुलाकात के दौरान कृषि क्षेत्र को प्रभावित करने वाली विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा की। किसानों की सेवा को भगवान की पूजा बताते हुए चौहान ने कहा, ‘ये समस्याएं छोटी लग सकती हैं, लेकिन इनका समाधान करने से किसानों की आय में 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।’
चर्चा के दौरान फसल की लागत कम करने, उचित मूल्य सुनिश्चित करने और जलभराव को रोकने,कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग और पीएम फसल बीमा पर भी चर्चा हुई।