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Essential Medicines Price: मरीजों के लिए राहत, 782 आवश्यक दवाओं की कीमतों में मार्च 2025 तक नहीं होगी बढ़ोतरी

WPI में न के बराबर बढ़ोतरी को देखते हुए इस FY2024-25 में आवश्यक दवाओं (essential medicines) की कीमतों में कोई बढ़ोतरी की इजाजत दवा कंपनियों को नहीं होगी।

Last Updated- April 04, 2024 | 6:53 PM IST
medicines

मौजूदा वित्त वर्ष में दवा ग्राहकों के लिए केंद्र सरकार की तरफ से बड़ी राहत की खबर है। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने आज यानी गुरुवार को बताया कि वित्त वर्ष (FY’25) में आवश्यक दवाओं की कीमतों में इजाफा नहीं होगा।

उन्होंने कहा, थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति (WPI) में न के बराबर यानी बहुत मामूली बढ़ोतरी को देखते हुए इस वित्त वर्ष 2024-25 (FY2024-25) में आवश्यक दवाओं (essential medicines) की कीमतों में कोई बढ़ोतरी की इजाजत दवा कंपनियों को नहीं होगी।

समाचार एजेंसी ‘PTI-भाषा’ के साथ बातचीत में मांडविया ने आश्वासन दिया कि यह ‘मोदी जी की गारंटी’ है। आवश्यक दवाओं की दरों में बढ़ोतरी की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘यह बिल्कुल गलत है। दवाओं की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी।’

कैसे तय होती हैं दवाओं की कीमतें

गौरतलब है कि राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने हाल ही में जारी नोटिफिकेशन में कहा था कि कैलेंडर वर्ष 2022 के मुकाबले 2023 में WPI में सालाना बदलाव 0.005 प्रतिशत हो सकता है। इसलिए आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (NLEM) में शामिल दवाओं की कीमतें बरकरार रहीं।

बता दें कि NPPA WPI के आधार पर अनुसूचित दवाओं की अधिकतम कीमतों में संशोधन करता है औऱ यह भारत सरकार के रसायन व उर्वरक मंत्रालय के रसायन एवं पेट्रोरसायन डिपार्टमेंट के तहत काम करता है।

मांडविया ने कहा, ‘NPPA WPI के आधार पर आवश्यक दवाओं की निगरानी और कीमतें तय करता है।’ मंत्री ने कहा कि जब मुद्रास्फीति (Inflation) बढ़ती है, तो इससे कीमतों में बढ़ोतरी होती है और जब यह नीचे आती है तो दाम कम हो जाते हैं।

मांडविया ने कहा, ‘इस साल महंगाई नहीं बढ़ी है। यह सिर्फ 0.005 है। इसलिए कंपनियां इस साल कीमतें नहीं बढ़ाएंगी। यह मोदी जी की गारंटी है।’

क्या हैं आवश्यक दवाएं

औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश (DPCO) 2013 के पैरा 16(2) के अनुसार WPI के आधार पर दवा निर्माता लिस्टेड दवाओं का अधिकतम फुटकर मूल्य (MRP) तय करते हैं। दवाओं को दो भागों- अनुसूचित और गैर-अनुसूचित फॉर्मूलेशन (scheduled and non-scheduled formulations) के तौर पर बांटा गया है।

DPCO 2013 की अनुसूची- I में सूचीबद्ध फॉर्मूलेशन, अनुसूचित फॉर्मूलेशन हैं जिन्हें आवश्यक दवाएं भी कहा जाता है।

मांडविया ने कहा कि गैर-अनुसूचित फॉर्मूलेशन के मामले में, एक मैन्युफैक्चरर कीमत तय करने के लिए स्वतंत्र है। इस वित्त वर्ष में आवश्यक दवाओं की कीमतें नहीं बढ़ेंगी।

गौरतलब है कि भारतीय दवा उद्योग पिछले 30 साल में प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाओं के निर्माण में अग्रणी बन गया है।

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2023 के दौरान 2022 की इसी अवधि के दौरान, आधार वर्ष 2011-12 के साथ WPI में सालाना बदलाव +0.00551 प्रतिशत था।

लागू रहेंगी मौजूदा कीमतें

आधिकारिक बयान के अनुसार, WPI के आधार पर, 782 दवाओं के लिए मौजूदा सीलिंग की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा और मौजूदा सीलिंग की कीमतें 31 मार्च, 2025 तक लागू रहेंगी। 90 रुपये से लेकर 261 रुपये तक की 54 दवाओं की अधिकतम कीमत में 0.01 रुपये की मामूली बढ़ोतरी होगी।

बता दें कि WPI में बदलाव के अनुरूप दवाओं की कीमतें वर्ष 2022 में 10.7 और 2023 में 12.12 प्रतिशत बढ़ाने की इजाजत दी गई थी। यानी दो वर्षों में 10 से 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची के तहत आने वाली दवाएं NPPA द्वारा नियंत्रित होती हैं। इस श्रेणी में शामिल दवाओं की कीमतों में वार्षिक स्तर पर परिवर्तन पिछले साल WPI में पिछले साल हुए बदलाव के अनुरूप ही हो सकता है। गैर एनएलईएम (non NLEM) औषधियों के मामले में कंपनियों को 10 फीसदी कीमतें बढ़ाने की इजाजत दी जाती है। यानी 10 फीसदी से ज्यादा दवाओं की कीमतें बढ़ाने की इजाजत कंपनियों को नहीं होती है।

ऐसे में, FY25 में, WPI के आधार पर दवाओं की अधिकतम कीमत में लगभग कोई बदलाव नहीं होगा।

दवाओं की कीमतों को लेकर सरकार का रुख काफी सख्त रहा है। आवश्यक दवाओं की रष्ट्रीय सूची में शामिल 651 दवाओं का मूल्य 1 अप्रैल 2023 से 6.73 प्रतिशत कम हुआ है, क्योंकि सरकार ने इन दवाओं की कीमतों पर अंकुश लगा दिया था।

(With Input from PTI)

First Published - April 4, 2024 | 6:28 PM IST

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