facebookmetapixel
दूसरे चरण के लोन पर कम प्रावधान चाहें बैंक, RBI ने न्यूनतम सीमा 5 फीसदी निर्धारित कीभारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर जल्द सहमति की उम्मीद, ट्रंप बोले—‘हम बहुत करीब हैं’बीईई के कदम पर असहमति जताने वालों की आलोचना, मारुति सुजूकी चेयरमैन का SIAM के अधिकांश सदस्यों पर निशानाइक्जिगो बना रहा एआई-फर्स्ट प्लेटफॉर्म, महानगरों के बाहर के यात्रियों की यात्रा जरूरतों को करेगा पूरासेल्सफोर्स का लक्ष्य जून 2026 तक भारत में 1 लाख युवाओं को एआई कौशल से लैस करनाअवसाद रोधी दवा के साथ चीन पहुंची जाइडस लाइफसाइंसेजQ2 Results: ओएनजीसी के मुनाफे पर पड़ी 18% की चोट, जानें कैसा रहा अन्य कंपनियों का रिजल्टअक्टूबर में स्मार्टफोन निर्यात रिकॉर्ड 2.4 अरब डॉलर, FY26 में 50% की ग्रोथसुप्रीम कोर्ट के आदेश से वोडाफोन आइडिया को एजीआर मसले पर ‘दीर्घावधि समाधान’ की उम्मीदछोटी SIP की पेशकश में तकनीकी बाधा, फंड हाउस की रुचि सीमित: AMFI

OTT की मार से घटी DTH की कमाई, रेवेन्यू में गिरावट के बीच फाइबर सेवाएं बनीं आकर्षण का केंद्र

ग्राहक डीटीएच सेवाओं से दूर नहीं हुए हैं। लोग अभी भी डीटीएच की सेवाएं ले रहे हैं मगर दर्शकों के संख्या के दिनों की संख्या और घंटों की संख्या में गिरावट आई है।

Last Updated- October 28, 2024 | 12:47 PM IST
Revenue gap between DTH operators and OTT platforms may widen further OTT की मार से घटी DTH की कमाई, रेवेन्यू में गिरावट के बीच फाइबर सेवाएं बनीं आकर्षण का केंद्र

भारत के डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) उद्योग के राजस्व में गिरावट आने लगी है क्योंकि अब उपभोक्ता डिजिटल कंटेंट विकल्पों को प्राथमिकता देने लगे हैं। डेलॉयट इंडिया के पार्टनर (मीडिया ऐंड एंटरटेनमेंट लीडर) चंद्रशेखर मंथा ने बताया कि चार प्रमुख डीटीएच ऑपरेटर का संयुक्त राजस्व वित्त वर्ष 2022 के 12,284 करोड़ रुपये से घटकर वित्त वर्ष 2023 में 11,072 करोड़ रुपये रह गया। इससे इस बात को बल मिला कि अब ग्राहक डीटीएच छोड़ डिजिटल कंटेंट यानी ओटीटी को प्राथमिकता देने लगे हैं।

हालांकि, इस बारे में बिज़नेस स्टैंडर्ड ने टाटा प्ले, एयरटेल डिजिटल टीवी और सन डायरेक्ट को ईमेल भेजा था, लेकिन उसका जवाब नहीं मिला। मौजूदा रुझान के आधार पर क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस ऐंड एनालिटिक्स के निदेशक (रिसर्च) पूषण शर्मा ने उम्मीद जताई है कि डीटीएच ऑपरेटर और ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म के बीच राजस्व अंतर अगले दो से तीन वर्षों में और बढ़ जाएगा।

डिश टीवी के मुख्य कार्य अधिकारी कार्यकारी निदेशक मनोज डोभाल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘पहले लोग मुख्य रूप से डीटीएच सेवाओं के जरिये टीवी देखते थे, लेकिन वैश्विक महामारी कोविड-19 से पहले हाइब्रिड मॉडल (टीवी और ओटीटी जैसी स्ट्रीमिंग सेवाएं) का रुख शुरू हो गया था, जो महामारी के बाद और तेज हो गया।’

उन्होंने कहा, ‘अब लोग अपने बजट के हिसाब से जहां सुविधा मिलती है वहीं कंटेंट देखने लगते हैं। टीवी खरीदने वालों की संख्या बढ़ी है, लेकिन टीवी देखने में बिताए जाने वाले घंटों में कमी आई है, जिससे डीटीएच कंपनियों का राजस्व और ग्राहकों की संख्या प्रभावित हुई है।’

डोभाल ने कहा कि हालांकि, ग्राहक डीटीएच सेवाओं से दूर नहीं हुए हैं। लोग अभी भी डीटीएच की सेवाएं ले रहे हैं मगर दर्शकों के संख्या के दिनों की संख्या और घंटों की संख्या में गिरावट आई है।

उद्योग के जानकार डीटीएच ऑपरेटर के राजस्व में गिरावट का बड़ा कारण कम ग्राहक आधार को मानते हैं। शर्मा ने कहा कि भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के परफॉर्मेंस इंडिकेटर रिपोर्ट से संकलित आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2021 में करीब 7 करोड़ ग्राहक थे जो इस साल जून में घटकर 6.2 करोड़ रह गए हैं। विविध और उच्च गुणवत्ता वाले कंटेंट की चाह रखने वाले ग्राहकों की बढ़ती संख्या के कारण ओटीटी बाजार में अगले दो से तीन वर्षों में सालाना 10 से 12 फीसदी इजाफा होने की उम्मीद है।

इसके विपरीत कमजोर ग्राहक वृद्धि और मौजूदा ग्राहकों के अन्य डिजिटल सेवाओं का रुख करने से डीटीएच राजस्व में भी 1 से 3 फीसदी की बहुत ही मामूली वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे पहले एक अन्य रिपोर्ट में क्रिसिल ने भी उल्लेख किया था कि भारतीय मीडिया कंपनियां बढ़ते डिजिटल प्रभाव को अपनाने में धीमी थीं।

ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक, डीटीएच ऑपरेटरों के कुल सक्रिय ग्राहकों की संख्या जनवरी-मार्च तिमाही के 6.19 करोड़ से बढ़कर अप्रैल-जून तिमाही में 6.21 करोड़ हो गई। बीते तीन वर्षों से अप्रैल-जून तिमाही में यह बढ़ोतरी देखी जा रही है।

मंथा ने कहा, ’40 लाख से अधिक ग्राहकों ने डीटीएच सेवाओं को छोड़कर डीडी फ्री डिश अथवा ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे विकल्पों को अपना लिया।’ मंथा और शर्मा दोनों का कहना है कि ओटीटी प्लेटफॉर्मों की मूल्य निर्धारण रणनीति उपभोक्ताओं को डीटीएच ऑपरेटरों से दूर जाने के लिए प्रभावित करने का बड़ा कारण साबित हो रहा है।

शर्मा समझाते हैं, ‘डीटीएच सेवाओं पर आप मुख्यतः प्रसारकों द्वारा दिखाई जाने वाली सामग्री ही देख सकते हैं, जिसकी कीमत 300 से 500 रुपये के बीच होती है। इसके विपरीत, नए जमाने के फाइबर प्रदाताओं द्वारा बंडल पेशकश, जिसमें हाई स्पीड इंटरनेट के साथ-साथ कई ओटीटी प्लेटफॉर्म के विकल्प मिलते हैं उनकी कीमत 800 से 1000 रुपये के बीच होती है। कीमत में थोड़ा इजाफा कर ग्राहक बंडल विकल्पों के साथ-साथ अधिक आकर्षक विकल्प भी चुन सकते हैं।’

जियो फाइबर और एयरटेल फाइबर नए जमाने के फाइबर प्रदाता हैं। वे ऐसे पैकेज की पेशकश करते हैं जिनमें हाईस्पीड इंटरनेट के साथ-साथ कई ओटीटी प्लेटफॉर्म भी मिलते हैं। बंडल डिजिटल सेवा भी एयरटेल डीटीएच सेवा के ग्राहकों की संख्या बढ़ने का एक बड़ा कारण है।

जून तिमाही में कंपनी के विवरण बताने के दौरान भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी गोपाल विट्ठल ने विश्लेषकों से कहा, ‘हमारा ध्यान दक्षिण भारत के राज्यों, महाराष्ट्र और बंगाल पर है और इन्ही इलाकों में हम अभिसरण पर भी ध्यान दे रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘शुद्ध ग्राहकों की वृद्धि 1.9 लाख से अधिक थी, जो उद्योग की चुनौतियों और गिरावट के बाद भी लगातार तीसरी तिमाही में वृद्धि में रही। नतीजतन, हम बाजार हिस्सेदारी हासिल करना बरकरार रख रहे हैं। महानगरों में भी अलग-अलग पेशकशों से सकारात्मक बदलाव दिखने लगे हैं, जो ग्राहकों को एयरटेल ब्लैक की ओर आकर्षित कर रहे हैं।’ कंपनी की डीटीएच सेवाएं एयरटेल ब्लैक बंडल का हिस्सा हैं, जो ग्राहकों को मोबाइल, ब्रॉडबैंड और डीटीएच जैसी कई सेवाएं एक साथ देती हैं।

डीटीएच सेवा प्रदाता भी अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म के साथ आगे आ रहे हैं। उदाहरण के लिए डिश टीवी ने ग्राहकों की बदलती मांग को भुनाने के लिए अपना ओटीटी प्लेटफॉर्म वाचो पेश किया है। अक्टूबर 2022 में ओटीटी के जुड़ने के बाद से वॉचो को लगभग 60 लाख सशुल्क ग्राहक प्राप्त हुए हैं।

First Published - October 28, 2024 | 12:47 PM IST

संबंधित पोस्ट