विदेशी नागरिकों को भारत पहुंचने पर हवाई अड्डों पर कागजी कार्रवाई (फिजिकल डिसएम्बार्केशन फॉर्म) से अब नहीं गुजरना होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विमानन उद्योग से जुड़े पक्षों से कहा है कि हवाई अड्डों पर आव्रजन काउंटरों पर पूरी आव्रजन प्रक्रिया झंझट मुक्त और सरल बनाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। विदेशी नागरिकों को भारत पहुंचने पर हवाई अड्डों पर अनिवार्य रूप से यह फॉर्म भरना होता हेै।
मंत्रालय ने कहा कि 1 अक्टूबर से भारत में विदेशी नागरिकों के पास पेपर कार्ड के बजाय ऑनलाइन ‘डिजिटल अराइवल कार्ड’ जमा करने का विकल्प होगा। बिजनेस स्टैंडर्ड ने भी 22 सितंबर के गृह मंत्रालय का यह आदेश देखा है।
इस कदम के साथ ब्रिटेन, सिंगापुर और ताइवान जैसे देशों के साथ भारत उन देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है जिन्होंने आव्रजन काउंटरों पर कागजी फॉर्म भरने की औपचारिकता समाप्त कर दी है ।
फिजिकल डिसएम्बार्केशन कार्ड में किसी यात्री की व्यक्तिगत, यात्रा और आव्रजन से जुड़ी जानकारियों जैसे पूरा नाम, पासपोर्ट नंबर, राष्ट्रीयता, उड़ान विवरण, यात्रा का उद्देश्य, ठहरने का पता और साथ में लाए गए सामान या मुद्रा आदि का जिक्र होता है। प्रवेश की अनुमति दिए जाने से पहले कार्ड आव्रजन काउंटर पर दिखाया जाता है।
अपने आदेश में मंत्रालय ने कहा,‘सक्षम प्राधिकरण के अनुमोदन के साथ अब यह निर्णय लिया गया है कि भारत में आगमन पर विदेशी नागरिकों के लिए डिसएम्बार्केशन कार्ड भरने की प्रक्रिया सुचारू बनाने के लिए इसे कागजी फॉर्म के साथ डिजिटल माध्यम से भरने का विकल्प भी दिया जाएगा।‘ मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि फिजिकल कार्ड अब केवल एक छोटी अवधि तक ही उपलब्ध रहेगी। ‘डिसएम्बार्केशन कार्ड कागजी रूप से भरने की प्रक्रिया डिजिटल व्यवस्था व्यवस्था सुचारू रूप से स्थापित होने तक जारी रहेगी। इसकी अधिकतम अवधि छह महीने होगी या डिजिटल व्यवस्था सुचारू रूप से शुरू होने पर इससे इससे कम भी रह सकती है।‘विदेशी प्रस्थान से पहले डिजिटल कार्ड को पूरा कर सकेंगे। एमएचए ने कहा, ‘विदेशी नागिरकों के पास डिसएम्बार्केशन कार्ड कागजी रूप में भरने या आगमन से 72 घंटे पहले ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (बीओआई) वेबसाइट, इंडियन वीजा वेबसाइट और आधिकारिक ‘इंडियन वीजा सु-स्वागतम’ मोबाइल ऐप के माध्यम से डिजिटल रूप में भरने का विकल्प होगा।‘
24 सितंबर को आए एक अलग आदेश में बीओआई ने विमानन उद्योग से संबंधित पक्षों को बताया कि गृह मंत्रालय का का निर्देश इस साल 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा।
भारत ने पिछले दशक में आगमन और प्रस्थान से संबंधित फिजिकल कार्ड का उपयोग धीरे-धीरे कम किया है। गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है, ‘पहले भारतीयों के साथ-साथ विदेशी सभी के लिए डिसएम्बार्केशन/एम्बार्केशन (डी/ई) कार्ड हस्तलिखित रूप में भरना अनिवार्य कर दिया गया था। बाद में 1 मार्च 2014 से भारतीयों के लिए डी/ई कार्ड और विदेशी नागरिकों के लिए प्रस्थान पर एम्बार्केशन कार्ड बंद कर दिए गए और 1 जुलाई 2017 से हवाई अड्डे के आव्रजन चेक पोस्ट (आईसीपी) पर भारतीयों के लिए एम्बार्केशन कार्ड भी बंद कर दिया गया।‘
ब्रिटेन ने मई 2019 में गैर-यूरोपीय संघ के यात्रियों के लिए अपने ‘लैंडिंग कार्ड’ को समाप्त कर दिया और उसकी जगह डिजिटल बॉर्डर सिस्टम शुरू कर दिया। सिंगापुर ने मार्च 2020 में पेपर कार्ड का उपयोग करना बंद कर दिया और ऑनलाइन डिजिटल एसजी अराइवल कार्ड दाखिल करने का विकल्प दिया गया।