दिल्ली की हवा खराब होने लगी है। राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है। ऐसे में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने भी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। सरकार दिल्ली वालों को अब वायु प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए पानी के छिड़काव पर जोर देने जा रही है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने भी प्रदूषण के स्तर पर काबू पाने के लिए ग्रेप का दूसरा चरण लागू कर दिया है।
दिल्ली में AQI का स्तर 300 पार कर गया है। रोजाना शाम 4 बजे जारी होने वाले CAQM के बुलेटिन के मुताबिक सोमवार को बीते 24 घंटे में दिल्ली में AQI का स्तर 310 था, जो आज बढ़कर 327 हो गया। इस दौरान एनसीआर के नोएडा में यह स्तर 252 से बढ़कर 261, गाजियाबाद में 257 से बढ़कर 284, गुरुग्राम में 210 से बढ़कर 224 हो गया। हालांकि फरीदाबाद में यह 165 से मामूली घटकर 162 रह गया।
दिल्ली सरकार बढ़ते प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय हो गई है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं। सड़कों पर धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी के छिड़काव पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए दिल्ली नगर निगम के 6000 से अधिक कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। साथ ही भीड़ भाड़ वाले 97 इलाकों में 1,800 से ज्यादा यातायात कर्मियों को तैनात किया जाएगा।
लोगों को सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करने के लिए दिल्ली मेट्रो बुधवार से रोजाना 40 अतिरिक्त फेरे लगाएगी। डीटीसी बसों के फेरे भी बढ़ाए जाएंगे। पड़ोसी राज्यों से दिल्ली में डीजल बसें नहीं भेजने का आग्रह करेंगे।
राय ने कहा कि ग्रेप के दूसरे चरण के तहत निर्माण-विध्वंस स्थलों पर निरीक्षण तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मौसम में बदलाव के कारण प्रदूषण स्तर में इजाफा हुआ है। CAQM ने प्रदूषण के स्तर पर काबू पाने के लिए ग्रेप का दूसरा चरण लागू किया है। जिसमें कोयले और लकड़ी के साथ-साथ डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया।