वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) दिल्ली-एनसीआर में औद्योगिक इकाइयों को PNG/ cleaner fuels पर शिफ्ट करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
CAQM ने कोयले के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया है। अब CAQM ने कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) और हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश सरकारों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि CIL की विभिन्न कोयला कंपनियों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में कार्यरत CIL के विभिन्न आपूर्तिकर्ताओं/स्टॉकिस्टों/एजेंटों को कोयले की आपूर्ति/आवंटन नहीं किया जाए।
थर्मल पावर प्लांट को छोड़ अन्य को भंडारण, उपयोग, बिक्री की मनाही
CAQM ने पूरे एनसीआर में थर्मल पावर प्लांटों (टीपीपी) को छोड़कर स्टॉकिस्टों, व्यापारियों और कोयले के डीलरों सहित संस्थाओं/इकाइयों/उद्योगों को किसी भी प्रकार के उपयोग/भंडारण/बिक्री/व्यापार के लिए एनसीआर में कोयले की आपूर्ति बंद करने और इसका अनुपालन सुनिश्चित करने की सलाह दी है।
आयोग के वैधानिक निर्देशों के तहत पूरे एनसीआर में सभी क्षेत्रों (औद्योगिक, वाणिज्यिक और विविध अनुप्रयोगों सहित) में विभिन्न परिचालनों/अनुप्रयोगों के लिए कोयले और अन्य गैर-अनुमोदित ईंधनों के उपयोग को एक जनवरी, 2023 से पूर्ण रूप से खत्म करने की जरूरत है।
प्रदूषित ईंधन पर चल रही 21 औद्योगिक इकाइयां बंद
आयोग के निर्देशों के अनुपालन के क्रम में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर क्षेत्रों में 84 औद्योगिक इकाइयों ने अस्थायी रूप से/स्थायी रूप से अपने संचालन को बंद कर दिया जो अब तक अनुमोदित ईंधन का उपयोग नहीं कर रही थीं।
पिछले साल एक अक्टूबर प्रदूषित ईंधन के खिलाफ शुरू हुए अभियान के तहत पिछले 3 महीनों के दौरान सिर्फ 21 औद्योगिक इकाइयों को कोयला, फर्नेस ऑयल इत्यादि जैसे अत्यधिक प्रदूषणकारी गैर-अनुमोदित ईंधन का उपयोग करते हुए पाया गया और उन इकाइयों को CAQM के दिशा निर्देशों के अनुसार बंद कर दिया गया है।
एक जनवरी 2023 के बाद अनुपालन में और सुधार हुआ है और निरीक्षण के दौरान सिर्फ दो इकाइयां ऐसे अत्यधिक प्रदूषणकारी ईंधन का उपयोग करती पाई गईं, जो कि आयोग के संवैधानिक निर्देशों के संतोषजनक अनुपालन का संकेत देते हैं। आगे भी CAQM का उड़नदस्ता (Flying Squad) पूरे NCR में सिर्फ अनुमोदित ईंधन (Approved fuel) के उपयोग का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु गुप्त रूप से निरीक्षण करता रहेगा।