दिल्ली फायर सर्विस (DFS) के प्रमुख अतुल गर्ग ने उन रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिनमें दावा किया गया था कि उन्होंने कहा था कि दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर आग बुझाने के दौरान कोई नकदी नहीं मिली।
शुक्रवार को जज के घर में आग लगने की घटना के बाद कुछ रिपोर्ट्स में अतुल गर्ग के हवाले से कहा गया था कि दमकल कर्मियों को आग बुझाने के दौरान कोई नकदी नहीं मिली। एक पीटीआई रिपोर्ट में गर्ग के हवाले से कहा गया, “आग बुझाने के तुरंत बाद हमने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद हमारी टीम मौके से लौट गई। फायर फाइटिंग के दौरान हमारी टीम को कोई नकदी नहीं मिली।”
हालांकि, अब अतुल गर्ग ने इन बयानों से इनकार किया है। उन्होंने कहा, “पीटीआई द्वारा चलाई जा रही जो बात बताई जा रही है, वह मेरा बयान नहीं है।”
सुप्रीम कोर्ट कोलीजियम ने जस्टिस वर्मा के घर आग लगने की घटना की जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि आग के दौरान उनके आवास से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद कोलीजियम ने उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट स्थानांतरित करने की सिफारिश भी की है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है कि जस्टिस यशवंत वर्मा का इलाहाबाद हाईकोर्ट में तबादला कथित नकदी बरामदगी की घटना से जुड़ा नहीं है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले को लेकर गलत जानकारी और अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
कोर्ट ने साफ किया कि जस्टिस वर्मा का तबादला पूरी तरह स्वतंत्र निर्णय है और इसका किसी भी जांच या कथित घटना से कोई लेना-देना नहीं है।