चित्रकूट में रक्षा औद्योगिक गलियारे (UPDIC) को बढ़ावा देने के लिए, सरकार 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। इस निवेश का उपयोग चित्रकूट में कई मिलिट्री-वेयर प्रोजेक्ट को स्थापित करने के लिए किया जाएगा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पहले ही चित्रकूट में UPDIC के लिए 60 हेक्टेयर भूमि के विकास को मंजूरी दे दी है।
एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) का अनुमान है कि इस मंजूरी से 5,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू होंगी और इससे चित्रकूट में 1 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
गलियारे में यूपी के कौन-कौन से जिले शामिल?
इस गलियारे में लखनऊ, कानपुर, झांसी, अलीगढ़, चित्रकूट और आगरा जिले शामिल हैं। गलियारे के विकास में पर्यावरण का भी ध्यान रखा जाएगा, क्योंकि चित्रकूट के एक तिहाई हिस्से को हरित क्षेत्र के रूप में आरक्षित किया जाएगा।
साथ ही, प्रदूषण नियंत्रण और आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी ध्यान रखा जाएगा। यह गलियारा “मेक इन यूपी” मिशन को आगे बढ़ाएगा और भारत को सैन्य उपकरणों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
ड्रोन, हेलीकॉप्टर, हथियार और गोला-बारूद जैसे रक्षा उपकरणों का उत्पादन इसी गलियारे में होगा। राज्य सरकार ने पहले ही 25,000 करोड़ रुपये की रक्षा विनिर्माण परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है और 140 सरकारी और प्राइवेट कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन भी किया है।
किन बड़ी कंपनियों ने साइन किया MoU?
रक्षा क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां भी उत्तर प्रदेश के रक्षा गलियारे में निवेश के लिए उत्साहित दिख रही हैं। अडानी डिफेंस, ब्रह्मोस एयरोस्पेस, टाटा टेक्नोलॉजीज, भारत डायनेमिक्स जैसी कई कंपनियों ने इस गलियारे में निवेश के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर साइन किए हैं।
राज्य सरकार ने लगभग 5,000 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण का प्रस्ताव रखा है, जिसमें से 1,700 हेक्टेयर पहले ही लिया जा चुका है और कंपनियों को आवंटित कर दिया गया है।
वहीं झांसी में हथियार और गोला-बारूद के उत्पादन और परीक्षण के लिए करीब 1,000 हेक्टेयर भूमि दी गई है, जहां भारत डायनेमिक्स प्रमुख निवेशक के रूप में सामने आ रहा है।