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कांग्रेस ने Adani Group से जुड़े आरोपों की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग की

Last Updated- February 09, 2023 | 10:51 AM IST
Mallikarjun Kharge
PTI

राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अदाणी समूह को लेकर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग की। उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में भाग ले रहे नेता प्रतिपक्ष खरगे ने अदाणी समूह से जुड़े आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि एक व्यक्ति की संपत्ति दो-ढाई साल में 12-13 गुना बढ़ कर 12 लाख करोड़ रुपये हो गई।

उन्होंने इतनी तेज गति से संपत्ति बढ़ने पर सवाल करते हुए कहा कि अडाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए जेपीसी गठित की जानी चाहिए तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो सकेगा।

उन्होंने सवाल किया कि सरकार जेपीसी के गठन से क्यों डर रही है? उन्होंने कहा कि लेकिन विपक्ष अपनी इस मांग को नहीं छोड़ने वाला है। सभापति जगदीप धनखड़ ने खरगे से कहा कि वह ऐसा आरोप नहीं लगाएं जिसे वह सत्यापित नहीं कर सकते हैं।

धनखड़ ने कहा कि सदन में किसी को भी, किसी भी तरह के आरोप लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। खरगे ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अदाणी समूह को भारी रकम कर्ज के तौर पर दी है और समूह उसी राशि से सार्वजिनक क्षेत्र के उपक्रमों को खरीद रहा है।

खरगे के भाषण के दौरान कई बार सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच टोकाटोकी हुई। इसी दौरान सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उनकी मांग से असहमति जताई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक नेता जो सांसद हैं, उनकी संपत्ति में 2014 में 16 गुना की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता के संबंध में जानकारी सार्वजनिक है।

खरगे ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल के नेता नफरत की बात करते हैं। उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व में हाल में संपन्न ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ का जिक्र करते हुए कहा कि 3600 किलोमीटर लंबी वह यात्रा किसी के खिलाफ नहीं थी बल्कि लोगों के विचारों को सुनने और उनकी बातों से मार्गदर्शन लेने के लिए थी। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार सांसद और मंत्री भी हिंदू-मुस्लिम की बात करते रहते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल के नेता जाति, धर्म, भाषा आदि के नाम पर नफरत फैलाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वे अनुसूचित जाति के लोगों की परेशानी पर ध्यान नहीं देते और उनके घरों में खाना खाकर केवल प्रचार करते हैं। उन्होंने दावा किया कि अनुसूचित जाति के लोगों को मंदिर जाने पर प्रताड़ित करने की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने सवाल किया कि अगर अनुसूचित जाति के सदस्य हिंदू हैं तो उन्हें मंदिर जाने की अनुमति क्यों नहीं होनी चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह सरकार हमेशा चुनावी मोड में रहती है। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि संसद जब चलती है, तब भी प्रधानमंत्री चुनावी रैली करते हैं। उन्होंने कहा कि संसद के सत्र में रहने के दौरान भी प्रधानमंत्री ने उनके संसदीय क्षेत्र गुलबुर्गा में दो-दो बैठकें (सभाएं) कीं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी सदन में मौजूद थे।

खरगे ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार बताती है कि वह आगे क्या करेगी और किस ढंग से देश को चलाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार अपने कार्यों व उपलब्धियों को बताने के बदले पिछली सरकारों के कार्यों का जिक्र कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को गौर करना चाहिए कि 1947 में देश की क्या स्थिति थी और वह 2014 तक कितनी बदली थी। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि दूसरों द्वारा किए गए कार्यों को भी श्रेय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर बुनियाद नहीं होगी तो इमारत कैसे बनेगी। उन्होंने कहा कि लेकिन नींव जमीन के अंदर होती है और बाहर इमारत होती है जिसका उद्घाटन किया जा रहा है।

खरगे ने कहा कि सरकार समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व की भावना को खत्म कर रही है और दोषारोपण दूसरों पर कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर जनता ने उनके मन-मुताबिक वोट नहीं दिया, उनकी सरकार नहीं बनाई तो वे विभिन्न सरकारी एजेंसियों का उपयोग कर अपनी सरकार बनाने का प्रयास करते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सच बोलने वालों को बोलने का मौका नहीं देती, सच लिखने वाले को लिखने का मौका नहीं दिया जाता, सच लिखने वाले पत्रकार को जेल भेज देते हैं और टीवी पर बहस में जो सत्यता की बात करता है, उसे हटा देते हैं।

कांग्रेस नेता ने बीबीसी के विवादित वृत्तचित्र पर रोक लगाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि शाहरुख खान की फिल्म से साफ हो जाता है कि जितना रोकेंगे, उतनी ही अधिक संख्या में लोग देखेंगे। उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों का जिक्र करते हुए कहा कि यह सरकार तमाम मोर्चों पर नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था लेकिन 50 लाख नौकरियां भी नहीं मिल पाईं। उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों में लाखों पद खाली है जिस वजह से अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है।

First Published - February 9, 2023 | 10:51 AM IST

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