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CBG Plant in UP: पराली जलाने पर लगाम कसने की कवायद में जुटी योगी सरकार, जल्द ही सभी जिलों में लगेंगे सीबीजी प्लांट

CBG Plant in UP: जल्द ही प्रदेश के ज्यादातर जिलों में किसानों के लिए पराली समस्या नहीं बल्कि कमाई का साधन बन जाएगा।

Last Updated- October 03, 2024 | 7:20 PM IST
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CBG Plant in UP: उत्तर प्रदेश में पराली और उससे फैलने वाला प्रदूषण जल्द ही अतीत की बात होगी। प्रदेश में लगभग सभी जिलों में कंप्रेस्ड बॉयोगैस (सीबीजी) के संयंत्र लगाए जाएंगे। प्रयागराज और बाराबंकी में सीबीजी संयंत्रों ने काम करना शुरू भी कर दिया है। हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने और प्रदूषण को रोकने की मुहिम के तहत उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) ने प्रदेश के 62 जिलों में सीबीजी संयंत्रों की स्थापना के लिए समझौता पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं।

इन्वेस्ट यूपी के सक्रिय सहयोग से इनमें से छह संयंत्रों पर बीते साल ही निर्माण शुरू हो गया था और अब तक प्रयागराज व बाराबंकी में रिलायंस की ओर से काम पूरा कर उत्पादन भी शुरू कर दिया गया है। चंदौली, हापुड़, अयोध्या और उन्नाव में रिलायंस के सीबीजी संयंत्रों का काम तेजी से चल रहा है और जल्द ही पूरा हो जाएगा। रिलायंस के बाराबंकी सीबीजी संयंत्र में इसी साल मार्च तो प्रयागराज में अप्रैल से उत्पादन शुरू हुआ है। यूपीनेडा की ओर से किए गए करारों में से 53 परियोजनाएं अकेले रिलायंस की ओर से प्रदेश में लगाई जाएंगी।

बाराबंकी में शुरू हुए सीबीजी संयंत्र में कंप्रैस्ट बॉयो गैस को सीएनजी के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा यहां कैप्टिव बिजली घरों में उपयोग होने वाले कोयले के स्थान पर काम आने वाले टॉरीफाइड बॉयोमास पैलेट भी बनाए जा सकेंगे। साथ ही, टरबाइन ईंधन के तौर पर इस्तेमाल होने वाला बॉयो ऑयल भी तैयार होगा।

रिलायंस सीबीजी के देश भर में परिचालन प्रमुख राजेश मोहन ने बताया कि बाराबंकी और प्रयागराज के संयंत्रों के लिए स्थानीय किसानों से भुगतान के आधार पर धान की पराली ली जा रही है। इसके अलावा संयंत्रों में म्युनिसिपल कचरे से भी बॉयो ईंधन बनाने की व्यवस्था है हालांकि उसके लिए अभी नगर निकायों से करार किया जाना है। उन्होंने बताया कि सीबीजी संयंत्रों से भूवैद्यम के नाम से आर्गेनिक खाद तैयार की जा रही है जिसका फायदा किसानों को मिल रहा है। भूवैद्यम खाद के प्रयोग के अब तक काफी उत्साहजनक नतीजे आलू व अन्य सब्जियों की खेती में देखने को मिले हैं। बाराबंकी में सीबीजी संयंत्र की क्षमता 20 टन प्रतिदिन की है जिसके 50 फीसदी पर अभी उत्पादन हो रहा है। उन्होंने बताया कि यहां बनने वाली सीबीजी रिलायंस के पेट्रोल पंपों पर भेजी जा रही है।

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राजेश मोहन ने बताया कि अभी भारत में जैव ईंधन पर निर्भरता काफी ज्यादा है और इसके चलते आयात बिल 260 अरब डॉलर का हो रहा है। बीते साल ही जैव ईंधन की खपत में 43 फीसदी का इजाफा हुआ है। उनका कहना है कि देश में सीबीजी के विस्तार की असीम संभावनाएं हैं और उत्तर प्रदेश में इस मामले में तेज प्रगति हो रही है। बाराबंकी में दुनिया का सबसे तेज बनने वाला और रिलायंस का पहला सीबीजी संयंत्र स्थापित हुआ है। यूपीनेडा से हुए करार के मुताबिक रिलायंस ने तेजी से सभी सीबीजी संयंत्रों की स्थापना पर काम शुरू कर दिया है और जल्द ही प्रदेश के ज्यादातर जिलों में किसानों के लिए पराली समस्या नहीं बल्कि कमाई का साधन बन जाएगा।

First Published - October 3, 2024 | 7:20 PM IST

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