facebookmetapixel
सरकारी सहयोग मिले, तो एरिक्सन भारत में ज्यादा निवेश को तैयार : एंड्रेस विसेंटबाजार गिरे या बढ़े – कैसे SIP देती है आपको फायदा, समझें रुपी-कॉस्ट एवरेजिंग का गणितजुलाई की छंटनी के बाद टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 6 लाख से कम हुईEditorial: ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस’ में छाया स्वदेशी 4जी स्टैक, डिजिटल क्रांति बनी केंद्रबिंदुबैलेंस शीट से आगे: अब बैंकों के लिए ग्राहक सेवा बनी असली कसौटीपूंजीगत व्यय में इजाफे की असल तस्वीर, आंकड़ों की पड़ताल से सामने आई नई हकीकतकफ सिरप: लापरवाही की जानलेवा खुराक का क्या है सच?माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में पहली बार बदला संचालन और अनुपालन का ढांचादेशभर में कफ सिरप कंपनियों का ऑडिट शुरू, बच्चों की मौत के बाद CDSCO ने सभी राज्यों से सूची मांगीLG Electronics India IPO: निवेशकों ने जमकर लुटाया प्यार, मिली 4.4 लाख करोड़ रुपये की बोलियां

उपहार वाले शेयर पर नहीं लगेगा कैपिटल गेन टैक्स, न्यायालय ने बताया कहां-कहां चुकानी होगी रकम

अदालत ने माना कि उपहार स्वैच्छिक तरीके से दिया जाता है और ऐसे में इसके बदले कोई रकम आदि पाने की आवश्यकता नहीं है।

Last Updated- May 08, 2024 | 10:03 PM IST
Tax loss harvesting: Reduce tax liability, improve quality of portfolio टैक्स हार्वेस्टिंग से कर घटाएं और पोर्टफोलियो भी बेहतर बनाएं

अगर शेयरों को उपहार के तौर पर हस्तांतरित किया जाता है तब उन पर पूंजीगत लाभ कर (capital gains tax) नहीं लग सकता है बशर्ते बंबई उच्च न्यायालय के हालिया फैसले को मिसाल के तौर पर माना जाए। मुंबई के जय ट्रस्ट बनाम केंद्र सरकार से जुड़े एक मामले में अदालत ने यह फैसला सुनाया कि कोई उपहार बदले में कोई राशि लिए जाने जैसे बिना शर्त वाले लेन-देन का मसला होता है ऐसे में यह पूंजीगत लाभ कर के दायरे में नहीं आता है।

अदालत ने कर अधिकारियों द्वारा जारी किए गए पूनर्मूल्यांकन नोटिस को रद्द कर दिया जिसमें यह आरोप लगाए गए थे कि ट्रस्ट ने उपहार के रूप में शेयरों का हस्तांतरण कर एक विशिष्ट आयकर निर्धारण से बचने की कोशिश की।

अदालत ने माना कि उपहार स्वैच्छिक तरीके से दिया जाता है और ऐसे में इसके बदले कोई रकम आदि पाने की आवश्यकता नहीं है। जिन चीजों के बदले कोई राशि हासिल होती है उसके आधार पर ही मुनाफे या लाभ को मापा जा सकता है। जिन पर कर निर्धारित किया जाना था उसने एक ट्रस्ट के नाते आमदनी पर शून्य रिटर्न दाखिल किया था जिसे स्वीकार करते हुए उसकी प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई।

दरअसल ट्रस्ट ने सरकारी सूचीबद्ध कंपनियों, यूनाइटेड फॉस्फोरस (यूपीएल) और यूनिफॉस एंटरप्राइजेज लिमिटेड (यूईएल) के शेयरों के हस्तांतरण नेरका केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड (एनसीपीएल) में किए थे। यह हस्तांतरण उपहार के तौर पर किया गया था और इसके बदले कोई रकम हासिल करने की बात नहीं थी। इसके बाद ट्रस्ट को एक नोटिस मिला और इसने मूल्यांकन की प्रक्रिया फिर से शुरू होने पर अपनी आपत्ति जताई। हालांकि मूल्यांकन अधिकारी ने इसे खारिज कर दिया।

ट्रस्ट ने इसे अदालत में एक रिट याचिका के जरिये चुनौती दी। अदालत ने यह माना कि पूंजीगत संपत्ति, ऐसी पूंजीगत संपत्ति का हस्तांतरण और इस तरह के हस्तांतरण से होने वाले मुनाफे/लाभ की तीनों शर्तें पूरी होती हैं तब पूंजीगत लाभ के तहत आयकर लगाया जा सकता है।

First Published - May 8, 2024 | 10:03 PM IST

संबंधित पोस्ट