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बिहार मतदाता सूची में दावे-आपत्तियां दाखिल करने की तारीख बढ़ी, निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिहार मसौदा मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियां दाखिल करने की प्रक्रिया 1 सितंबर के बाद भी नामांकन की अंतिम तिथि तक जारी रहेगी

Last Updated- September 01, 2025 | 11:22 PM IST
Supreme Court
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने बिहार की मसौदा मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियां दाखिल करने की तारीख बढ़ा दी है। आयोग ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि मतदाताओं के दावे और आपत्तियां 1 सितंबर की समय सीमा के बाद भी नामांकन की अंतिम तिथि तक स्वीकार की जाएंगी। इस आश्वासन को दर्ज करते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची के पीठ ने राजनीतिक दलों द्वारा मांगी गई समय सीमा को बढ़ाने से इनकार कर दिया।

अदालत ने कहा, ‘दावे, आपत्तियां या सुधार दाखिल करने पर 1 सितंबर के बाद रोक नहीं है। यह प्रक्रिया नामांकन की अंतिम तिथि तक जारी रहेगी।’ पीठ ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को मतदाताओं और राजनीतिक दलों को ऑनलाइन जमा करने में सहायता करने के लिए जिलों में कानूनी स्वयंसेवकों को तैनात करने और जिला न्यायाधीशों को रिपोर्ट करने का भी निर्देश दिया।

निर्वाचन आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि राजनीतिक दल मुख्य रूप से नाम जोड़ने के बजाय काटने के लिए आपत्तियां दर्ज कर रहे हैं। यह बहुत अजीब बात है।

उन्होंने कहा कि 7.24 करोड़ मतदाताओं में से 99.5% ने अपने फॉर्म जमा कर दिए हैं, जबकि अदालत के 22 अगस्त के आधार-आधारित आवेदनों की अनुमति देने के आदेश के बाद आम लोगों की ओर से नाम जोड़ने के लिए लगभग 33,000 और विभिन्न राजनीतिक दलों की तरफ से 25 दावे किए गए हैं। इसके विपरीत, नाम हटाने के लिए 1.34 लाख आपत्तियां दर्ज की गई हैं। राजद सहित याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने तर्क दिया कि बूथ लेवल ऑफिसर फॉर्म स्वीकार करने से इनकार कर रहे हैं और आधार की अनुमति मिलने के बाद पार्टियों के पास बहुत कम समय था। इस मामले में अदालत 8 सितंबर को मामले की फिर सुनवाई करेगी।

भाजपा ने मतदाता सूची से नाम हटाने की मांग करते हुए 16 आपत्तियां दर्ज कराई हैं। यह एकमात्र मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी है जिसने नाम हटाने की मांग की है। भाकपा-माले (लिबरेशन) ने 103 नामों को हटाने की मांग की है। भाकपा-माले (लिबरेशन) व राजद ने मिलकर मतदाता सूची में 25 नाम जोड़ने की मांग की है। मसौदा मतदाता सूची 1 अगस्त को प्रकाशित की गई थी। चुनाव कानून के तहत लोगों और पार्टियों को मसौदा सूची में अपात्र लोगों के नाम हटाने और योग्य लोगों के नाम जुड़वाने के लिए अनुरोध करने का अधिकार है।

First Published - September 1, 2025 | 11:19 PM IST

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