एयर इंडिया की उड़ान एआई171 दुर्घटना की जांच कर रहे अधिकारियों ने विमान के ब्लैक बॉक्स- कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) से डेटा निकाल लिया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि यह डेटा दिल्ली स्थित विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की लैब में निकाला गया। इसी लैब में इस डेटा की जांच की जा रही है, जिससे यह पर्दा उठ सकेगा कि अहमदाबाद में भीषण विमान दुर्घटना आखिर कैसे हुई।
नागरिक उड्डयन मंत्रालयन ने अपने बयान में कहा कि 25 जून को फ्रंट ब्लैक बॉक्स के मेमरी मॉड्यूल को डाउनलोड कर लिया गया। हादसे की जांच में यह महत्त्वपूर्ण पड़ाव है। सीवीआर और एफडीआर ब्लैक बॉक्स के महत्त्वपूर्ण हिस्से होते हैं और इनमें मौजूद डेटा की जांच से ही पता चल पाएगा कि दुर्घटना से ऐन पहले के क्षणों में विमान की स्थिति क्या थी और कॉकपिट में क्या हुआ था। हादसे के बाद 13 जून और 16 जून को इन्हें दुर्घटना स्थल से बरामद कर लिया गया था।
ब्लैक बॉक्स की फ्रंट यूनिट उस इमारत की छत पर मिली थी, जहां विमान टकराया था और रियर यूनिट जहाज एवं इमारत के मलबे से बरामद हुई थी। दोनों को भारी सुरक्षा के बीच 24 जून को भारतीय वायु सेना के विमान से दिल्ली लाया गया था। एएआईबी ने उसी शाम से अपनी लैब में डेटा निकालने का काम शुरू कर दिया। इस काम में भारत और अमेरिकी नैशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड दोनों के तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही थी। अमेरिकी नैशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड के विशेषज्ञ जांच में इसलिए शामिल किए गए हैं क्योंकि विमान अमेरिका में ही बनाया गया था।
डिवाइस की आंतरिक मेमरी छेड़ने से पहले क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल हासिल किया गया। मंत्रालय ने कहा है कि हादसे की जांच भारत के विमान (दुर्घटना और घटना की जांच) नियम, 2017 और आईसीएओ शिकागो संधि के अनुबंध 13 के अनुसार की जा रही है। एएआईबी ने दुर्घटना के एक दिन बाद 13 जून को एक टीम गठित की थी, जिसमें विमानन चिकित्सा, हवाई यातायात नियंत्रण के विशेषज्ञ और एनटीएसबी के प्रतिनिधि शामिल थे।
लंदन जाने वाला एयर इंडिया का विमान (उड़ान संख्या एआई171) 12 जून को अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें क्रू सदस्यों समेत 241 लोगों के साथ जमीन पर भी 34 लोगों की जान चली गई थी। पिछले सप्ताह नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने ब्लैक बॉक्स डीकोडिंग के स्थान पर अटकलें लगाने वालों को चेतावनी दी थी। मंत्रालय ने मीडिया एजेंसियों आदि से संयम बरतने का आग्रह करते हुए पूरी पारदर्शिता बरते जाने की बात दोहराई।