नए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन एवं उन पर निगरानी रखने के मार्ग में आने वाली बाधाएं दूर करने का निर्देश दिया है। चौहान का कहना है कि इन बाधाओं को दूर करने से सभी लोगों, विशेषकर अधिक जरूरतमंदों, को अपेक्षित लाभ मिल पाएगा।
पिछले सप्ताह कृषि मंत्री की अध्यक्षता में कई बैठकें हुईं। इन बैठकों में भाग लेने वाले एक अधिकारी ने कहा, ‘मंत्री ने एक बैठक में कहा कि राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के अंतर्गत विकलांग लोगों के लिए पेंशन में पात्रता मानदंड काफी सख्त हैं। चौहान ने इस योजना की तत्काल समीक्षा करने का आदेश दिया है ताकि अधिक से अधिक लोगों को पेंशन मिल पाए।’
चौहान ने सरकारी तंत्र से बाहर के कृषि विशेषज्ञों और न्यूनतम समर्थित मूल्य (एमएसपी) प्रभावी बनाने पर उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति के प्रमुख के साथ भी बैठक की। समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने पेंशन योजनाओं के लिए पात्रता मानदंड और ‘दिशा’ समितियों के गठन में अनियमितताओं को भी दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इन जटिलताओं को दूर करने के लिए चौहान ने पात्रता मानदंड की समीक्षा करने के लिए कहा। उन्होंने ‘दिशा’ समितियों की बैठक नियमित रूप से बुलाने के लिए नव निर्वाचित सांसदों को पत्र लिखने के लिए भी कहा।
संसद, विधानसभाओं एवं स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच बेहतर समन्वय बनाने के लिए ‘दिशा’ या जिला डेवलपमेंट संयोजन एवं निगरानी समितियां गठित की गई हैं। इन समितियों का उद्देश्य सक्षम एवं समयबद्ध विकास को बढ़ावा देना है। यह एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य सहभागी सरकार और विचारशील लोकतंत्र को आगे बढ़ाना है।
कृषि मंत्री ने कहा कि बेहतर समन्वय एवं सरकारी कामकाज सुनिश्चित करने के लिए वह राज्यों के साथ सलाह एवं सहयोग आधारित दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के पक्ष में हैं। मंत्री ने अधिकारियों को नकली कीटनाशकों के व्यापार पर अंकुश लगाने और किसानों को गुणवत्ता पूर्ण सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
किसानों के बीच पीएम-किसान योजना की किस्तों के वितरण से जुड़े आगामी कार्यक्रम के संबंध में सरकार ने पूरे देश में लगभग 50 मंत्रियों की सेवाएं लेने की योजना तैयार की है। ये मंत्रीगण किसानों के साथ संवाद और उनकी समस्याएं सुनेंगे। माना जा रहा है कि लगभग 2 करोड़ किसान सीधे या ऑनलाइन माध्यम से इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
लोक सभा चुनाव में ग्रामीण क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सीटें कम होने के बाद चौहान पार्टी की लोकप्रियता फिर से बढ़ाने की चुनौती का सामना कर रहे हैं। सीएसडीएस एवं लोकनीति के एक सर्वेक्षण के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा एवं इसकी सहयोगी दलों के मत प्रतिशत में कमी आई है जबकि, कांग्रेस एवं उसके सहयोगी दलों को फायदा हुआ है। इसे देखते हुए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता दे रही है।