प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में पेश करते हुए सोमवार को कहा कि देश अनुकूल आर्थिक नीतियों के सहारे विश्व स्तर पर सैन्य साजोसामान के प्रमुख निर्यातकों में से एक बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
मोदी ने बेंगलुरू के बाहरी इलाके में स्थित येलहंका वायुसेना स्टेशन परिसर में ‘एरो इंडिया’ के 14वें संस्करण का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि भारत ने पिछले आठ-नौ वर्षों में अपने रक्षा उत्पादन क्षेत्र का “कायाकल्प” किया है और 2024-25 तक सैन्य साजोसामान के निर्यात को 1.5 अरब अमरीकी डालर (एक अरब = 100 करोड़ रुपये) से बढ़ाकर पांच अरब अमरीकी डालर करने की सोच रहा है।
मोदी ने कहा, ‘‘21वीं सदी का नया भारत, अब ना कोई मौका खोएगा और ना ही अपनी मेहनत में कोई कमी रखेगा। हम कमर कस चुके हैं। हम सुधारों के रास्ते पर हर क्षेत्र में क्रांति ला रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश, जो दशकों से सबसे बड़ा रक्षा आयातक था, वो अब दुनिया के 75 देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है। बीते पांच वर्षों में देश का रक्षा निर्यात छह गुना बढ़ा है और उसने अपने निर्यात में 1.5 अरब डॉलर के आंकड़े को हमने पार कर लिया है।’’ पांच दिवसीय प्रदर्शनी को एशिया में सबसे बड़ी प्रदर्शनी माना जाता है। इसमें 700 से अधिक भारतीय और विदेशी रक्षा कंपनियां और 100 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसमें कई देशों के रक्षा मंत्री भी शामिल हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘आप भी जानते हैं कि रक्षा एक ऐसा क्षेत्र है जिसकी प्रौद्वद्योगिकी को, जिसके बाजार को और जिसके व्यापार को सबसे जटिल माना जाता है। इसके बावजूद, भारत ने बीते 8-9 साल के भीतर-भीतर अपने यहां रक्षा क्षेत्र का कायाकल्प कर दिया है। इसलिए, हम इसे अभी केवल एक शुरुआत मानते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य है कि 2024-25 तक हम निर्यात के इस आंकड़े को डेढ़ अरब डालर से बढ़ाकर 5 अरब डॉलर तक ले जाएंगे।’’ मोदी ने कहा कि रक्षा एवं एयरोस्पेस के क्षेत्र में किए गए प्रयास भारत के लिए एक ‘लांच पैड’ की तरह काम करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘अब यहां से भारत, दुनिया के सबसे बड़े रक्षा उत्पादन वाले देशों में शामिल होने के लिए तेजी से कदम बढ़ाएगा। इसमें हमारे निजी क्षेत्र और निवेशकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है। आज मैं भारत के निजी क्षेत्र से आह्वान करूंगा कि भारत के रक्षा क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निवेश करें। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में रक्षा क्षेत्र में आपका हर निवेश, भारत के अलावा, दुनिया के अनेक देशों में एक प्रकार से आपका व्यापार-कारोबार के नए रास्ते बनाएगा। नयी संभावनाएं, नए अवसर सामने हैं। भारत के निजी क्षेत्र को इस समय को जाने नहीं देना चाहिए।
मोदी ने कहा कि ‘एरो इंडिया’ की गगनभेदी गर्जना में भी भारत के सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन की गूंज है। आज भारत में जैसी निर्णायक सरकार है, जैसी स्थायी नीतियां हैं, नीतियों में जैसी साफ नीयत है, वो अभूतपूर्व है। हर निवेशक को भारत में बने इस अनुकूल माहौल का खूब लाभ उठाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां मांग भी हो, क्षमता भी हो और अनुभव भी हो, स्वाभाविक सिद्धांत कहता है कि वहां उद्योग दिनों-दिन और आगे बढ़ेगा। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि भारत में रक्षा क्षेत्र को मजबूती देने का सिलसिला आगे और भी तेज गति से बढ़ेगा।’’
मोदी ने कहा, ‘‘जब कोई देश, नयी सोच, नये दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ता है, तो उसकी व्यवस्थाएं भी नयी सोच के हिसाब से ढलने लगती हैं। ‘एरो इंडिया’ का ये आयोजन, आज नए भारत के नये दृष्टिकोण को भी प्रतिबिंबित करता है। एक समय था, जब इसे केवल एक शो या एक प्रकार से ‘भारत को बेचने’ की एक खिड़की भर माना जाता था। बीते वर्षों में देश ने इस धारणा को भी बदला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज ‘एरो इंडिया’ केवल एक शो नहीं है, ये इंडिया की ताकत भी है। आज ये भारतीय रक्षा उद्योग के दायरे और आत्मविश्वास पर भी जोर देता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बेंगलुरु का आसमान आज नए भारत के सामर्थ्य का साक्षी बन रहा है। बेंगलुरु का आसमान आज इस बात की गवाही दे रहा है कि नयी ऊंचाई, नए भारत की सच्चाई है। आज देश नयी ऊंचाइयों को छू भी रहा है और उन्हें पार भी कर रहा है।’’ अधिकारियों ने कहा कि ‘एरो इंडिया’ में लगभग 250 कंपनी से कंपनी समझौते (बी2बी) होने की उम्मीद है, जिससे लगभग 75,000 करोड़ रुपये का निवेश मिलने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम में आयोजित एक एयर शो में भारतीय वायुसेना के कई विमानों ने अपनी हवाई ताकत का प्रदर्शन किया।
‘एरो इंडिया’ का विषय ‘द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटीज’ है और इसका उद्देश्य रक्षा और एरोस्पेस क्षेत्र में भारत की प्रगति और क्षमताओं को पेश करना है। अधिकारियों ने कहा कि इस आयोजन का मुख्य जोर सरकार की ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ दृष्टि के अनुरूप स्वदेशी उपकरणों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करना और विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी करना है। उद्घाटन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘एरो इंडिया’ भारत में एरोस्पेस क्षेत्र के आगे विकास में एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा।
सिंह मंगलवार को रक्षा मंत्रियों के एक सम्मेलन की मेजबानी करेंगे, जिसका विषय ‘‘रक्षा क्षेत्र में संवर्धित जुड़ाव के माध्यम से साझा समृद्धि” होगा। ‘एरो इंडिया’ के प्रमुख प्रदर्शकों में एयरबस, बोइंग, डसॉल्ट एविएशन, लॉकहीड मार्टिन, इज़राइल एरोस्पेस इंडस्ट्री, ब्रह्मोस एरोस्पेस, आर्मी एविएशन, एचसी रोबोटिक्स, एसएएबी, साफरान, रोल्स रॉयस, लार्सन एंड टुब्रो, भारत फोर्ज लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और बीईएमएल लिमिटेड शामिल हैं।