सरकार ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त खाद्यान्न भंडार है। सरकार भी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की नियमित निगरानी कर रही है।
इस संबंध में जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, “भारत सरकार के पास NFSA और इसकी अन्य कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ PMGKAY के अतिरिक्त आवंटन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए केंद्रीय पूल के तहत पर्याप्त खाद्यान्न स्टॉक है।”
बयान के अनुसार, एक जनवरी, 2023 तक लगभग 159 लाख टन गेहूं और 104 लाख टन चावल उपलब्ध होगा, जबकि एक जनवरी को 138 लाख टन गेहूं और 76 लाख टन चावल के संबंधित बफर मानदंडों की आवश्यकता थी। वहीं, 15 दिसंबर तक केंद्रीय पूल में करीब 180 लाख टन गेहूं और 111 लाख टन चावल उपलब्ध है।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि नियम के तहत प्रत्येक वर्ष की एक अप्रैल, एक जुलाई, एक अक्टूबर और एक जनवरी को अनाज का एक निश्चित भंडार मौजूद होना जरूरी है। केंद्रीय पूल में गेहूं और चावल का भंडार हमेशा इस आवश्यक पैमाने से अधिक रहा है।
बयान में कहा गया, “पिछले मौसम में गेहूं की खरीद यद्यपि कम हुई थी, क्योंकि उत्पादन कम हुआ था और भू-राजनैतिक परिस्थिति के चलते किसानों ने खुले बाजार में MSP से अधिक कीमत पर अपनी उपज बेची थी। इसके बावजूद गेहूं की अगली फसल के आने तक देश की जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय पूल में गेहूं का पर्याप्त भंडार मौजूद रहेगा।”
इसके अलावा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की भी चावल को ध्यान में रखते हुये समीक्षा की गई है, जिससे केंद्रीय पूल में गेहूं का भंडारण पर्याप्त मात्रा में हो जाये, ताकि कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा किया जा सके।