बेंगलूरु की उज्जीवन स्माल फाइनैंस बैंक ने 364.5 करोड़ रुपये के फंसे हुए माइक्रो बैंकिंग पोर्टफोलियो ऋण बेचने के लिए प्रति-बोली आमंत्रित की है। यह बोली स्विस चैलेंज नीलामी के माध्यम से आमंत्रित की गई है। मामले के जानकार कई सूत्रों ने बताया कि इस नीलामी में एवेन्यू कैपिटल और भारतीय स्टेट बैंक समर्थित एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (इंडिया) लिमिटेड (एआरसीआईएल) की ओर से 34.26 करोड़ रुपये की एंकर बोली लगाई गई है। एंकर बोली की राशि के हिसाब से ऋणदाता को 90 प्रतिशत हानि होगी।
बैंक ने 1,19,478 खातों का बकाया बिक्री के लिए रखा है। बैंक ने 26 फरवरी तक नकदी व सिक्योरिटी रसीद के आधार पर प्रति-बोली आमंत्रित की है। इसमें 34.26 करोड़ रुपये की एंकर बोली के ऊपर 5 फीसदी का मार्कअप शामिल है।
अगर कोई प्रति-बोली नहीं आती है तो एंकर बोली लगाने वाली एआरसीआईएल को बैंक की परिसंपत्तियों की बिक्री में सफल बोलीदाता माना जाएगा। बहरहाल अगर प्रति-बोली आती है तो एआरसीआईएल को यह मौका दिया जाएगा कि वह सबसे ज्यादा राशि की प्रति-बोली का मिलान करते हुए अपनी बोली बढ़ा सके।
बैंक द्वारा बिक्री के लिए रखी गई फंसी माइक्रो बैंकिंग परिसंपत्ति में 294.5 करोड़ रुपये के ऋण पूल शामिल हैं, जिनकी किस्तें 150 दिन पहले (डीपीडी) चुकाई जानी थीं तथा इनमें से 70 करोड़ रुपये के ऋण बैंक द्वारा बट्टे खाते में डाल दिए गए हैं। माइक्रोफाइनैंस सेक्टर पिछले कुछ महीनों से कई चुनौतियों से जूझ रहा है और इस सेग्मेंट की संपत्ति की गुणवत्ता में उल्लेखनीय गिरावट आई है। माइक्रोफाइनैंस सेक्टर में उद्योगवार दबाव इसलिए बना है क्योंकि ऋण वृद्धि पर ध्यान नहीं दिया गया और ग्राहकों को कई लोन जारी किए गए। इससे ऋणदाताओं की उल्लेखनीय ओवरलैपिंग हुई।
प्रमुख बैंकों और माइक्रोफाइनैंस पर केंद्रित गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के कर्ज में इस सेग्मेंट में चूक बहुत ज्यादा बढ़ी है। इसकी वजह से कुछ बैंकों ने अपने पोर्टफोलियो की बिक्री शुरू की है।