अर्थव्यवस्था

US टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%

IMF ने भारत की 2025-26 में 6.6% की तेजी से वृद्धि की उम्मीद जताई, चीन से आगे और वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी वृद्धि की ओर।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- October 25, 2025 | 11:35 AM IST

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपने ताजा वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) रिपोर्ट में कहा है कि भारत 2025-26 में 6.6% की दर से बढ़कर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा। IMF ने यह ऊंचा पूर्वानुमान भारत की पहली तिमाही की मजबूत आर्थिक गतिविधियों को देखते हुए किया है, जिसने अमेरिका द्वारा लगाए गए नए आयात शुल्क के प्रभाव को अधिकतर संतुलित कर दिया।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत चीन (4.8%) से भी तेजी से बढ़ेगा। हालांकि IMF ने 2026 के लिए वृद्धि दर को 6.2% तक कम कर दिया है, क्योंकि पहली तिमाही का जोर धीरे-धीरे कमजोर होने की संभावना है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में IMF ने कहा कि 2025 में वैश्विक वृद्धि दर 3.2% और 2026 में 3.1% रहने का अनुमान है। हालांकि यह पूर्वानुमानों की तुलना में थोड़ी कम है। मुद्रास्फीति में भी दुनिया भर में गिरावट की उम्मीद है, लेकिन देशवार अंतर रहेगा। अमेरिका में यह अभी भी लक्ष्य से ऊपर हो सकती है, जबकि अन्य देशों में अधिकतर कम रह सकती है।

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रिपोर्ट में उन्नत अर्थव्यवस्थाओं की औसत वृद्धि 1.6% और उभरती अर्थव्यवस्थाओं की 4.2% रहने का अनुमान लगाया गया है। इसके अलावा, IMF के अनुसार 2026 में उभरती अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर में 0.2% की गिरावट हो सकती है। उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में स्पेन सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश होगा (2.9%), जबकि अमेरिका 1.9% की वृद्धि दर के साथ रहेगा। ब्राजील 2.4%, कनाडा 1.2%, जापान 1.1% और ASEAN-5 देशों की वृद्धि दर भी बढ़ने की संभावना है।

IMF ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने “लंबी अवधि की अनिश्चितता, बढ़ता संरक्षणवाद और श्रम आपूर्ति में झटके” को जोखिम बताया है। इसके साथ ही “राजकोषीय कमजोरियां, संभावित वित्तीय बाजार सुधार और संस्थानों की कमजोरी” स्थिरता के लिए खतरा बन सकते हैं। IMF ने नीति निर्माताओं से कहा कि भरोसा बहाल करने के लिए विश्वसनीय, पारदर्शी और टिकाऊ नीतियों को अपनाना आवश्यक है। इसके साथ ही व्यापार कूटनीति के साथ-साथ मैक्रोइकोनॉमिक समायोजन और संरचनात्मक सुधारों पर जोर देना चाहिए।

भारत की आर्थिक वृद्धि को देखते हुए, IMF ने बताया कि पहली तिमाही में 7.8% की वृद्धि ने 2025-26 के लिए ऊंचा पूर्वानुमान तय किया। 2024-25 में भारत की वास्तविक GDP वृद्धि 6.5% रही थी। सरकार ने भी 2025-26 के लिए GDP वृद्धि का लक्ष्य 6.3-6.8% रखा है और घरेलू खपत की मजबूत स्थिति के चलते अमेरिकी टैरिफ के बावजूद आशावादी बनी हुई है।

Deloitte ने भी बढ़ाया ग्रोथ का अनुमान

पेशेवर सेवा कंपनी डेलॉयट इंडिया ने गुरुवार को अनुमान लगाया कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.7 से 6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। बता दें कि साल की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की मजबूत दर से बढ़ी थी।

डेलॉयट ने अपनी ‘भारत आर्थिक परिदृश्य’ रिपोर्ट में कहा कि घरेलू मांग में मजबूती, उदार मौद्रिक नीति और GST 2.0 जैसे संरचनात्मक सुधार आर्थिक वृद्धि को सहारा देंगे। इसके अलावा कम महंगाई और बढ़ी हुई क्रय शक्ति भी लोगों के खर्च बढ़ाने में मदद करेगी।

कंपनी ने अनुमान लगाया कि इस वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर औसतन 6.8 प्रतिशत रहेगी, जो पिछले अनुमान से 0.3 प्रतिशत अधिक है।

First Published : October 25, 2025 | 11:23 AM IST