गूगल पे के वाइस प्रेसीडेंट अंबरीश केंघे ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद से तेज वृद्धि के बावजूद भारत के प्रमुख डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के विकास की काफी गुंजाइश है। बड़ी संख्या में लोगों तक ऋण की सुविधा पहुंचाने में इसकी प्रमुख भूमिका होगी।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में बोलते हुए केंघे ने कहा कि करीब 40 करोड़ ग्राहक इस समय यूपीआई से लेनदेन कर रहे हैं। भारत की आबादी 1.4 अरब है और करीब 90 करोड़ बैंक खाते हैं, ऐसे में यूपीआई के बढ़ने की अपार संभावना है। इसके साथ ही उन्होंने उल्लेख किया कि आगे चलकर यूपीआई से लेनदेन की संख्या 100 अरब लेनदेन प्रति माह की ओर बढ़नी शुरू होगी।
हाल के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2025 में यूपीआई से लेनदेन की संख्या 55.66 अरब पहुंच गई है, जिसमें कुल 80.79 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। वित्त वर्ष 2024 में यूपीआई लेनदेन पहली बार 100 अरब के पार गया और कुल 131 अरब लेनदेन हुआ, जबकि वित्त वर्ष 2023 में 84 अरब लेनदेन हुआ था।
केंघे ने कहा कि आगे चलकर हम देखेंगे कि यूपीआई से ज्यादा ऋण दिया जा रहा है, जिसमें यूपीआई से कर्ज के साथ लोगों के लिए धन मुहैया कराया जाना शामिल है। इस समय यूपीआई से ऋण दो पेशकश के माध्यम – यूपीआई पर रुपे क्रेडिट कार्ड और यूपीआई पर क्रेडिट लाइन से उपलब्ध है। यूपीई पर क्रेडिट ट्रांजैक्शन हर महीने 10,000 करोड़ रुपये तक पहुंच रहा है। इसमें से 100 से 200 करोड़ रुपये के करीब यूपीआी पर क्रेडिट लाइन और शेष रुपे क्रेडिट कार्ड की हिस्सेदारी है।