स्वास्थ्य बीमा धारकों में ओपडी सुविधा की मांग बढ़ी है। उद्योग के जानकारों के अनुसार महामारी के बाद के दौर में डॉक्टर के परामर्श और डाइगनोस्टिक टेस्ट की पहुंच बढ़ने के कारण यह मांग बढ़ी है।
ऑनलाइन इंश्योरेंस ब्रोकर पॉलिसी बाजार के आंकड़ों के अनुसार स्वास्थ्य बीमा ग्राहकों में ओपीडी विकल्प चुनने वाले ग्राहकों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 24 में बढ़कर 20 प्रतिशत हो गई जबकि यह वित्त वर्ष 21 में 5 प्रतिशत थी। बीमा क्षेत्र के विशेषज्ञों के मुताबिक ओपीडी सुविधा की मांग पहले से थी लेकिन कोविड 19 महामारी ने इस मांग को और बढ़ा दिया।
महामारी के बाद के दौर में डॉक्टर से परामर्श लेने में वृद्धि हुई है और डाइगनोस्टिक की लागत भी बढ़ी। पॉलिसी बाजार के हेल्थ इंश्योरेंस के बिज़नेस हेड सिद्धार्थ सिंघल ने बताया, ‘कोविड 19 ने मांग को तेजी (टेली कंसलटेशन) से बढ़ाया।
इसके अलावा फार्मेसी उत्पादों की लागत बढ़ी और डाइगनोस्टिक लागत ने ओपीडी सुविधा की मांग को दिशा देने में अहम भूमिका निभाई। इन सुविधाओं की मांग बढ़ने के कारण बीमा कंपनियों ने कई ओपीडी प्रोडक्ट लॉन्च किए और ज्यादातर अतिरिक्त राइडर के तौर पर दिए गए।’
आंकड़ों के अनुसार पॉलिसी धारकों में 50 प्रतिशत सक्रिय रूप से अपने प्लान में शामिल ओपीडी सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक दौर वो था जब ओपीडी की सुविधा कर्मचारियों को दी जाती थीं लेकिन महामारी के बाद बीमा कंपनियां खुदरा क्षेत्र से इस मांग की बढ़ोतरी देख रही हैं। बीमाधारक अब ओपीडी सुविधा का उपयोग बढ़ना भी देख रहे हैं।
बजाज आलियांज जनरल के हेड – हेल्थ एडमिनिस्ट्रेटर भास्कर नेरुरकर ने बताया, ‘हम ओपडी सुविधा के उपयोग में इजाफा देख रहे हैं। पहले आमतौर पर कमर्चारियों को ओपीडी की सुविधा दी जाती थी और ओपीडी सुविधा का इस्तेमाल करीब 25 प्रतिशत था। अब हम देख रहे हैं कि अब हम खुदरा ओपीडी उत्पादों और ओपीडी लाभों पर 70 प्रतिशत भी उपयोग देखते हैं।’
विभिन्न स्तरों पर ओपीडी लाभों को अपनाना पर्याप्त बना हुआ है। इसमें टियर 1 का हिस्सा 45 प्रतिशत, टियर 3 का 35 प्रतिशत और टियर 2 का 20 प्रतिशत है। एको जनरल इंश्योरेंस – रिटेल हेल्थ – रूपिंदरजीत सिंह ने बताया, ‘देश के प्रमुख 20 शहरों से ओपीडी सुविधा की मांग है।
इसमें महामारी के कारण इजाफा हुआ है। हालांकि बीमा कंपनियों को छोटे शहरों के स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों और अस्पतालों में अधिक नेटवर्क विकसित करने की जरूरत है।’ सिंह ने बताया कि इस खंड में वृद्धि की व्यापक संभावनाएं हैं। ओपीडी का बाजार बड़ा है। आईपीडी (इन पेशेंट डिपार्टमेंट) की तुलना में ओपीडी का कारोबार चार गुना बढ़ा है। इस पर ध्यान दिया जाए।