बीमा उद्योग के अधिकारियों ने मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर महंगी जीवन बीमा पॉलिसियों से होने वाली आमदनी पर टैक्स लगाने की बजट में की गई घोषणा से राहत दिए जाने की मांग की है। यह बैठक भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ओर से प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की योजना के तहत हुई है।
जीवन बीमा उद्योग ने 10 लाख सालाना प्रीमियम से ज्यादा की पॉलिसियों पर कर लगाए जाने का अनुरोध किया है, जबकि मौजूदा प्रस्ताव 5 लाख रुपये पर है।
आगे उन्होंने सरकार से यह भी कहा है कि इस तरह की पॉलिसियों से मिलने वाले कर को डेट म्युचुअल फंडों के रूप में लिया जाना चाहिए, न कि सीमांत कर दर पर कर लगना चाहिए।
जीवन बीमा उद्योग ने केंद्रीय बजट में ज्यादा मूल्य की बीमा पॉलिसियों पर कर लगाने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव की आलोचना की थी, जिनका मूल्य 5,00,000 रुपये सालाना है। इस कदम के पीछे सरकार ने तर्क यह दिया था कि वह ज्यादा कमाई करने वाले व्यक्तियों कर मुक्त रिटर्न दाखिल करने से रोकने की कवायद कर रही है।
उसके बाद वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने साफ किया कि यह प्रस्ताव बीमा उत्पाद को लक्षित करके नहीं लाया गया है। इसकी जगह पर निवेश को लक्षित किया गया है, जो बीमा का इस्तेमाल कर रहे हैं।