एशियाई मुद्राओं में कमजोरी आने के कारण आयातकों और बैंकों द्वारा डॉलर की मांग में आई तेजी के बाद शुरुआती कारोबार के दौरान भारतीय रुपया अमरीकी डॉलर के मुकाबले 7 पैसे लुढ़क गया। अंतरबैंकिंग विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय रुपया अमरीकी डॉलर के मुकाबले 48.66 के निम्नतम स्तर पर पहुंच गया, इसप्रकार कल बंद हुए […]
आगे पढ़े
शेयर बाजार की अनिश्चितता और बैंकों की ओर से सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) की दरों में कटौती के कारण निवेशक कंपनियों की ओर से मुहैया कराए जा रहीं सावधि जमा में भारी रकम निवेश कर रहे हैं। पिछले छह माह के दौरान कॉरपोरेट पब्लिक डिपॉजिट बाजार में दोगुना इजाफा हुआ है। करीब 700-800 करोड़ रुपये […]
आगे पढ़े
बैंक की हालत सुधरती दिख रही है। कम से कम आंकड़े यही बता रहे हैं? रिजर्व बैंक ने पिछली तीन महीनों में बैंकों को नकदी यानी तरलता के संकट से उबारने के लिए क्या नहीं किया। कई चरणों में सीआरआर और रेपो-रिवर्स रेपो दरों में कमी की। इसी का असर है कि नकदी के संकट […]
आगे पढ़े
सरकारी राहत पैकेज और रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए मौद्रिक कदम से शेयर बाजार में तेजी के बीच आज रुपया डॉलर के मुकाबले 38 पैसे मजबूती के साथ खुला। एशियाई बाजारों में तेजी के रुख से भी रुपये की तेजी को बल मिला। अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया का भाव 38 पैसे मजबूती के […]
आगे पढ़े
जनवरी 2007 की शुरुआत के 6,537 अंकों के रिकॉर्ड उच्च स्तर से निफ्टी फिसलता ही जा रहा है। साल का न्यूनतम स्तर अक्टूबर के आखिरी में आया जब यह 2,252 अंकों पर आ गया। उच्चतम स्तर से न्यूनतम स्तर के बीच 64.5 प्रतिशत का फर्क देखा गया। किसी भी मानक के हिसाब से देखा जाए […]
आगे पढ़े
नए साल की शुरुआत सकारात्मक तरीके से हुई है। एक और जहां निफ्टी 6.6 फीसदी की बढ़त के साथ 3,046 अंकों के स्तर पर बंद हुआ वहीं सेंसेक्स 6.75 फीसदी की तेजी के साथ 9,958 अंकों पर बंद हुआ। रुपये में आई गिरावट के मद्देनजर डेफ्टी में मात्र 5.76 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। […]
आगे पढ़े
नए साल का बाजार ने भी अच्छे से स्वागत किया और पिछले सप्ताह बीएसई 200 सूचकांक में 7 फीसदी का उछाल आया। ठीक इसी तर्ज पर हमारे स्मार्ट पोर्टफोलियो के फंड मैनेजरों की कुल परिसंपत्ति में भी 15 से 28 फीसदी के बीच मुनाफा देखा गया, हालांकि मुनाफेकी इस सूची में चारों फंड प्रबंधकों में […]
आगे पढ़े
मांग घटने का असर शिपिंग कंपनियों पर देखने को मिल रहा है क्योंकि उनका माल भाड़ा भी काफी नीचे आ गया है। हालांकि, एलपीजी की ढुलाई के मामले में भारत की सबसे बड़ी कंपनी वरुण शिपिंग का मानना है कि ऑफशोर (अपस्ट्रीम), क्रूड टैंकर (मिडस्ट्रीम) और वितरण (उत्पादएलपीजी) कारोबार में मांग अपेक्षाकृत ठीक रही है […]
आगे पढ़े
धातुओं की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 50 से 60 फीसदी की गिरावट आई है। यह गिरावट धातुओं की मांग में कमी आने के कारण हुई है। कीमतों में गिरावट का नुकसान भारत में स्टरलाइट को भी उठाना पडा है। विश्व स्तर पर आई कीमतों में इतनी जबरदस्त गिरावट के अलावा नकदी की कमी से […]
आगे पढ़े
पिछले कुछ महीनों में वाहनों की बिक्री भले ही घटी है, पर पुरानी कारों की बिक्री में आई बढ़ोतरी और कच्चे माल की कीमतों में आई गिरावट के कारण कैस्ट्रॉल इंडिया का प्रर्दशन दमदार रहा है। कंपनी वॉल्यूम बढ़ाने के बजाय मूल्य में वृद्धि यानी वैल्यू ऐडिशन पर अधिक ध्यान देती है। कंपनी राजस्व उगाही […]
आगे पढ़े