शेयर बाजार की अनिश्चितता और बैंकों की ओर से सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) की दरों में कटौती के कारण निवेशक कंपनियों की ओर से मुहैया कराए जा रहीं सावधि जमा में भारी रकम निवेश कर रहे हैं।
पिछले छह माह के दौरान कॉरपोरेट पब्लिक डिपॉजिट बाजार में दोगुना इजाफा हुआ है। करीब 700-800 करोड़ रुपये हर माह जमा कराए जा रहे हैं, जिसके वर्ष 2008-09 की चौथी तिमाही में 1,500 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। एचडीएफसी जैसे वित्तीय संस्थानों के लिए यह अतिरिक्त फंड है।
जबकि कुछ समय पहले तक ये बैंक आम निवेशकों की जमा पर निर्भर थे। करीब 40 कंपनियां पब्लिक जमा की सुविधा उपलब्ध करा रही हैं। दरअसल, ये तीन साल की अवधि के लिए करीब 12 फीसदी की दर से ब्याज दे रहे हैं।
सिटी के कैपिटल मार्केट ऑर्गेनाइजेशन के भारत प्रमुख और प्रबंध निदेशक रवि कपूर का कहना है कि निवेश के अन्य विकल्पों में खास लाभ नहीं होने की वजह से निवेशक कंपनियों की फिक्स्ड डिपॉजिट का रुख कर रहे हैं। कुल पब्लिक डिपॉजिट में टाटा मोटर्स की हिस्सेदारी करीब एक-तिहाई है।
कंपनी ने 1 दिसंबर को पब्लिक डिपॉजिट की शुरुआत की और एक माह में ही करीब 175 करोड़ रुपये जमा कर लिया। टाटा मोटर्स के एक अधिकारी ने बताया कि इस योजना को निवेशकों ने हाथों-हाथ लिया। कई निवेशक जो पहले अन्य कंपनियों में निवेश कर रहे थे, अब टाटा मोटर्स का रुख कर रहे हैं।
इस योजना को चलाने के लिए टाटा मोटर्स के पास 2,700 करोड़ रुपये की सुरक्षित रकम है। रियल्टी कंपनियां और गैर-वित्तीय संस्थान भी इसकी तैयारी कर रहे हैं।
भा रहीं कंपनियों की जमा योजनाएं
टाटा मोटर्स है पसंद में टॉप पर