बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के चेयरमैन देवाशिष पांडा ने कहा कि पूरे देश में बीमा सेवाएं मुहैया कराने के लिए और कंपनियों की जरूरत है। देश के 1.4 अरब लोगों की सेवाएं मुहैया कराने के लिए महज 70 कंपनियां पर्याप्त नहीं होंगी।
पांडा ने जीएफएफ को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम विश्व की एक बटा पांच जनसंख्या का घर हैं। हमें असीमित बाजार की जरूरतों को पूरा करना है और अवसरों को फायदा उठाना है।’ उन्होंने कहा, ‘हमें और कंपनियों की जरूरत है। हमें और बीमा कंपनियां, नई इकाइयों, नए उत्पादों अधिक वितरण के तरीकों के साथ-साथ अधिक तकनीक व अधिक समन्वय की आवश्यकता है।’
उन्होंने कहा कि अब बीमा कंपनियां नियामक की अनुमति के बिना सभी तरह के बीमा उत्पाद लॉन्च कर सकती हैं। बीमा कंपनियां कई वितरण पैटर्न से साझेदारी कर सकती हैं।
पांडा ने बताया कि नियामक 100 फीसदी कैशलेस दावा भुगतान को शीघ्र अति शीघ्र लागू करने के लिए बीमा मुहैयाकर्ता, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और बीमा परिषद के साथ कार्य कर रहा है लेकिन उन्होंने इसे लागू होने की समयसीमा का उल्लेख नहीं किया है।