भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने मौजूदा बैंकइंश्योरेंस ढांचे की समीक्षा करने के लिए कार्यबल का गठन किया है। इसका मकसद पॉलिसियों की गलत बिक्री/जबरिया बिक्री की शिकायतों के बीच इसकी दक्षता में सुधार किया जा सके।
नियामक ने अधिसूचना में कहा है, ‘देश के हर इलाके में बैंकों और उनकी शाखाओं का बड़ा नेटवर्क होने के बावजूद कॉर्पोरेट एजेंट के रूप में बैंकों की हिस्सेदारी 2022-23 में गैर जीवन बीमा प्रीमियम में 5.93 प्रतिशत और जीवन बीमा के न्यू बिजनेस प्रीमियम में 17.44 प्रतिशत है।’
इसके अलावा बीमा पॉलिसियों के वितरण के लिए बीमा ब्रोकरों के रूप में अलग से कानूनी इकाई स्थापित कर सकते थे, लेकिन बैंकों ने यह कवायद नहीं की।
नियामक ने 2047 तक सबको बीमा देने का लक्ष्य रखा है, जिसके मुताबिक बीमा की पहुंच बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि बैंकों की शाखाओं का व्यापक इस्तेमाल किया जाए।