लोक सभा चुनाव के नतीजों का देश के बीमा उद्योग पर कोई असर नहीं होगा। इस उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि चाहे कोई भी दल या गठबंधन सत्ता में क्यों न आए, इससे बीमा कारोबार की वृद्धि प्रभावित नहीं होगी। एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी विभा पाडलकर ने कहा, ‘बीमा नियामक के मारग्दर्शन में हम 2047 तक ‘सभी के लिए बीमा’ का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
इस लक्ष्य के लिए काफी कुछ करना होगा और इस दिशा में काफी काम भी शुरू हो चुका है, खासकर, राज्य स्तरीय बीमा योजनाओं को लेकर। केंद्र की सत्ता पर कोई भी दल काबिज क्यों न हो इससे कोई अंतर नहीं पड़ने वाला। हम कैसे पहुंच, जागरूकता और किफायत ला सकते हैं, इसके लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। ‘ बीमा क्षेत्र के अधिकारियों के अनुसार इस क्षेत्र के महत्त्व के करारण अधिक से अधिक लोगों को बीमा सुविधाएं देने में सरकार हरसंभव मदद करेगी, भले ही सरकार किसी भी दल की क्यों नहो।
टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस में कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय प्रमुख (दुर्घटना एवं स्वास्थ्य दावे) राजगोपाल रुद्रराजू कहते हैं, ‘बीमा उद्योग में जो भी बदलाव होते हैं वह बीमा नियामक करता है। इस संबंध में सरकार से मिलने वाले दिशानिर्देश भी महत्त्वपूर्ण होते हैं।
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लिहाजा सरकार किसी की हो, उद्योग की निरंतरता कोई असर नहीं होगा।‘ बीमा उद्योग से जुड़े लोगों ने यह भी कहा कि अगर केंद्र में नई सरकार बनती भी है तो वह शायद ही नियामक के पिछले निर्णयों को पलटेगी। पाडलकर ने कहा, ‘केंद्र में कुछ भी हो रहा हो मगर यह सभी समझते हैं कि बीमा का लाभ मिलना सभी के हित में है। इससे लोगों के जीवन में कम से कम बुनियादी स्तक की निश्चिंतता का भाव पैदा होगा।’